Asaduddin Owaisi: बिहार चुनाव का परवान चढ़ चुका है और हर बीतता दिन नई-नई टिप्पणियों की ओर ध्यान आकर्षित करा रहा है। ताजा मामला एआईएमआईएम चीफ की एक टिप्पणी से जुड़ा है जिसमें वो तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते नजर आ रहे हैं। सीमांचल की धरती किशनगंज से असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी यादव को जमकर फटकार लगाई है। खुद को चरमपंथी कहने पर भड़क उठे असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी यादव को इसे अंग्रेजी में कहने की चुनौती दी है।
सांसद ओवैसी ने सख्त लहजे में जवाब देते हुए कहा है कि अगर रसूल का उम्मती होना चरमपंथी है, तो मुझे फख्र है कि मैं अपने रसूल का उम्मती हूं। सीमांचल में अपनी पैठ जमाने को बेताब असदुद्दीन ओवैसी के इस सख्त लहजे को मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यदि एआईएमआईएम प्रमुख अपनी कोशिश में सफल हुए, तो बिहार चुनाव की तस्वीर बदली नजर आ सकती है।
सीमांचल में तेजस्वी यादव पर इतना क्यों बौखला रहे Asaduddin Owaisi?
सांसद असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों लगातार सीमांचल का दौरा कर रहे हैं। बिहार में चुनावी प्रचार-प्रसार के बीच एआईएमआईएम चीफ ने आज किशनगंज की धरती से तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने सख्त लहजे में राजद नेता को जवाब देते हुए कहा है कि अगर रसूल का उम्मती होना चरमपंथी है, तो मुझे फख्र है कि मैं अपने रसूल का उम्मती हूं।
दरअसल, एक साक्षात्कार के दौरान तेजस्वी यादव ने असदुद्दीन ओवैसी को ‘एक्सट्रीमिस्ट’ यानी चरमपंथी करार दिया था। तेजस्वी यादव की बातें दूर तलक पहुंची और अब सांसद ओवैसी ने सख्त लहजे में उन्हें जवाब दिया है। ओवैसी ने तंज कसते हुए ये भी कहा है कि “बाबू! चरमपंथी को तुम जरा अंग्रेजी में लिख के बताओ।”
मालूम हो कि सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, भागलपुर और कटिहार जैसे जिलों में मुस्लिमों की आबादी अच्छी खासी है। ये मतदाता चुनाव को निर्णायक भूमिका तक ले जाने में कारगर साबित हो सकते हैं। यही वजह है कि असदुद्दीन ओवैसी वर्ष 2020 की तरह ही 2025 विधानसभा चुनाव में भी सीमांचल को प्राथमिकता देते हुए ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं।
क्या मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश कर रहे एआईएमआईएम प्रमुख?
ये बड़ा सवाल है जिसका पुख्ता रूप से कुछ जवाब नहीं दिया जा सकता। दरअसल, ओवैसी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी से एआईएमआईएम को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें बढ़-चढ़कर मुसलमानों के हक की वकालत करते देखा जा रहा है। किशनगंज से लेकर अरररिया, पूर्णिया, कटिहार और भागलपुर में डेरा जमाए बैठे सांसद ओवैसी मुसलमानों को लामबंद करने की कोशिश मे हैं। यही वजह है कि तेजस्वी यादव उनके सीधे निशाने पर हैं।
दरअसल, बिहार के ज्यादातर मुस्लिम मतदाता राजद के साथ कदम से कदम मिलाते हैं। सीमांचल की स्थिति भी कमोबेश यही है। ऐसे में सीमांचल में सियासी पृष्ठभूमि मजबूत करने में जुटे असदुद्दीन ओवैसी को तेजस्वी यादव का किला पहले फतह करना होगा। इसी कड़ी में वो तेजस्वी यादव की मुखालिफत करते हुए उन पर हमलावर हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन अपनी मुहिम में कितना सफल होता है और किसके हिस्से खुशी, तो किसे मायूसी हाथ लगती है।






