Anurag Dhanda: बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का मामला पूरी तरह से गरमा गया है। आपको बता दें कि बीते दिन यानि सोमवार को यह पूरा घटनाक्रम हुआ। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान 71 वर्षीय वकील ने सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश भी की। हालांकि तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वहीं अब इस मामले में पूरी तरह से राजनीति गरमा गई है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। इसी बीच आप राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने इस मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सीजेआई पर जूता फेंकने की घटना पर Anurag Dhanda ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
बता दें कि आप नेता ने अनुराग ढांडा ने आप संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि
“बीजेपी समर्थकों में दलित समाज के खिलाफ नफ़रत का ऐसा ज़हर भरा हुआ है कि वो किसी भी दलित समाज के व्यक्ति को ऊँचे पदों पर बर्दाश्त नहीं कर सकते। सभी देशवासियों को एकजुट होकर इन नफरती ताक़तों का सामना करना होगा”।
निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर ने इस मामले में दी अपनी प्रतिक्रिया
निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर, जिन्होंने सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई के सवालों का जवाब दिया। निलंबित अधिकवक्ता ने कहा कि मैं दुखी था, मैं नशे में नहीं था, यह उसकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूँ। जो हुआ उसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं है। 16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश ने इसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने को कहो, जब नूपुर शर्मा का मामला अदालत में आया, तो अदालत ने कहा कि उन्होंने माहौल खराब किया है। जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत मत दो, लेकिन उसका मज़ाक भी मत उड़ाओ। मैं नशे में नहीं था; यह उसकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूँ। जो हुआ, उसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं है।”