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Avadh Ojha: राजनीति को अलविदा कहने के बाद क्या फिर एंट्री लेंगे अवध ओझा? RSS की तारीफ में पुल बांध चौंकाया, निशाने पर विपक्ष

सियासत से अलविदा बोलने के ठीक बाद Avadh Ojha ने आरएसएस की तारीफ में पुल बांध दिए हैं। बाकी पार्टियों पर निशाना साधते हुए अवध ओझा ने संघ की तारीफ की है जिसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

Avadh Ojha
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Avadh Ojha: बेबाक अंदाज के साथ लाखों युवाओं को अपना फैन बनाने वाले अवध ओझा सर क्या फिर सियासी मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे हैं? क्या अवध ओझा सर राजनीति को अलविदा बोलने के बाद फिर फिर ग्रैंड एंट्री की तलाश मे हैं? ऐसे कुछ सवाल शिक्षक ओझा सर के लेटेस्ट एक्स पोस्ट को लेकर उठ रहे हैं। दरअसल, पटपड़गंज से चुनाव लड़कर हार चुके अवध ओझा ने राजनीति को अलविदा बोलने के बाद आरएसएस-बीजेपी की प्रशंसा की है। मत चाहें भले ही निजी हों, लेकिन सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर RSS की तारीफ में पुल बांधना कई सवालों को जन्म देता है। इतना ही नहीं, ओझा सर ने इशारों-इशारों में ही विपक्ष को भी निशाने पर ले लिया है जिसके बाद सियासी संग्राम छिड़ता नजर आ रहा है।

आरएसएस की तारीफ में पुल बांधते हुए Avadh Ojha ने सभी को चौंकाया!

राजनीति को अलविदा कहने के ठीक बाद ओझा सर औचक आरएसएस के फैन हो गए हैं। ये कोई कोरी कल्पना नहीं, बल्कि उनके निजी मत को लेकर चल रही चर्चा का हिस्सा है।

दरअसल, अवध ओझा के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ की गई है। अवध ओझा लिखते हैं कि “बीजेपी का एक सलाहकार परिवार है RSS जिसके विद्वान किसी नेता की जी हुज़ूरी नहीं करते क्योंकि उन्हें पद और पैसे का कोई लालच नहीं। बाक़ी पार्टियों में चिंतक ही चाटुकार हैं नहीं तो बॉस भगा देंगे। जबतक ये चलेगा बीजेपी को कोई हरा नहीं पाएगा। जय हिंद।” इस पोस्ट के बाद अटकलों का बाजार गरम है और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

अवध ओझा के निशाने पर विपक्ष!

अभी हाल ही में सियासी पारी खत्म करने का ऐलान करने वाले अवध ओझा खुद को राजनीतिक प्रतिक्रिया देने से दूर नहीं रख पा रहे हैं। आलम ये है कि उन्होंने आरएसएस की तारीफ में पुल बांधते हुए सांकेतिक तौर पर विपक्ष को निशाने पर लिया है। अवध ओझा का ये कहना कि “बाक़ी पार्टियों में चिंतक ही चाटुकार हैं नहीं तो बॉस भगा देंगे” दर्शाता है कि वो किस हद तक विपक्ष से बिफरे पड़े हैं। यही वजह है कि अवध ओझा के नई सियासी पारी शुरू करने की संभावना जताई जा रही है और सुर्खियों के बाजार गर्म हैं।

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