Nitish Kumar: तमाम विपक्षी आरोपों को सिरे से धराशायी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सधी राजनीतिक चाल चली है। चुनावी शोरगुल के बीच बिहार सीएम ने ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन को मंजूरी दे दी है। विधवा महिलाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन की रकम बढ़ाने का ऐलान कर चुके नीतीश कुमार का ये कदम युवाओं को साधने की दिशा में देखा जा रहा है। चुनावी वर्ष में सीएम Nitish Kumar ने युवा आयोग का गठन कर उन तमाम विपक्षी दलों के मंह पर ताला लगा दिया है, जो NDA सरकार को युवा विरोधी का तमगा देते हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस ब्रहास्त्र से बिहार की युवा शक्ति को लामबंद करने की कोशिश की जा सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले NDA सरकार का ये फैसला कितना कारगर साबित होगा, ये तो चुनावी परिणाम के बाद पता चलेगा।
चुनावी माहौल के बीच सीएम Nitish Kumar ने महिलाओं के बाद युवाओं को साधा
सियासी शोरगुल के बीच सौगातों की बरसात कर रहे नीतीश कुमार ने युवाओं को साधने के लिए ब्रहास्त्र छोड़ दिया है। बिहार युवा आयोग के गठन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है जो चुनावी वर्ष में युवा शक्ति को साधने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। सीएम Nitish Kumar ने साफ तौर पर कहा है कि युवाओं की स्थिति में सुधार और उत्थान से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने में युवाा आयोग की भूमिका होगी। आयोग युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के साथ समन्वय करेगा। Nitish Kumar के मुताबिक युवा आयोग स्थानीय युवाओं को राज्य के भीतर निजी क्षेत्र के रोजगारों में प्राथमिकता देने और राज्य से बाहर अध्ययन करने वाले और काम करने वाले युवाओं के हितों की रक्षा करने में भूमिका निभाएगा।
इससे पूर्व बिहार सरकार ने राज्य की महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कदम उठाए थे। फिर सामाजिक पेंशन की राशि बढ़ाकर दिव्यांगजनों, विधवा महिलाओं और बुजुर्गों को सशक्त करने का काम किया। इसके ठीक बाद अब ‘युवा आयोग’ का गठन बिहार के करोड़ों युवकों को चुनावी वर्ष में साधने के लिए प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि Nitish Kumar का ये युवा आयोग किस हद तक सफल हो पाता है।
बिहार युवा आयोग का गठन कर सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष को किया धराशायी
तमाम विपक्षी दल मुख्यमंत्री को अचेत बताते हुए बिहार के युवाओं के साथ खिलवाड़ होने का आरोप लगाते हैं। प्रशांत किशोर से लेकर तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी, असदुद्दीन ओवैसी, पुष्पम प्रिया समेत अन्य तमाम विपक्षी धड़े के नेता पलायन, बेरोजगारी व युवाओं की दीन-हीन दशा का जिक्र कर नीतीश सरकार को घेरने का काम करते हैं। हालांकि, Nitish Kumar ने अब ‘युवा आयोग’ का गठन कर फौरी तौर पर ही सही, लेकिन विपक्ष को धराशायी करने का काम किया है। अब NDA सरकार ‘युवा आयोग’ के गठन का जिक्र कर खुद को युवाओं के हिमायती के दौर पर प्रदर्शित करेगी। वहीं विपक्ष के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर अपने प्रयासों का डंका पिटेगी। ऐसी स्थिति में देखना दिलचस्प होगा कि RJD, कांग्रेस, वाम दल और जनसुराज पार्टी समेत अन्य विपक्षी धड़ा कैसे चुनौती से निपटता है।