G7 Summit: कनाडा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई दिग्गज मौजूद है। इस दौरान भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की, मालूम हो कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री किसी विदेशी दौरे पर पर गए है। G7 Summit के दौरान PM Modi ने इटली, कनाडा, फ्रांस समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की है, साथ ही भारत ने आतंकवाद से लेकर द्विपक्षीय सहयोग तक अपना पूरा रूख स्पष्ट कर दिया है। आईए समझते है कि इस मुलाकात के क्या मायने और यह दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत को कैसे दर्शाता है।
आतंकवाद से लेकर द्विपक्षीय सहयोग तक G7 Summit में भारत का स्पष्ट रूख
आपको बता दें कि G7 Summit के दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की, साथ ही PM Modi ने कहा कि “आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला केवल पहलगाम पर हमला नहीं था, बल्कि यह प्रत्येक भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर हमला था। यह पूरी मानवता पर हमला था।
“एक ओर, हम अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर सभी प्रकार के प्रतिबंध लगाने में तत्पर रहते हैं। दूसरी ओर, जो देश खुलेआम आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।” गौरतलब है कि आतंकवाद को लेकर प्रधानमंत्री ने एक कड़ा संदेश दिया है।
G7 Summit में इटली की पीएम Giorgia Meloni से मिले PM Modi
बताते चले कि G7 Summit के दौरान पीएम मोदी ने इटली की पीएम Giorgia Meloni से मुलाकात की, जिसके बाद मेलोनी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “इटली और भारत के बीच गहरी मित्रता”।
जिसका जवाब देते हुए PM Modi ने एक्स हैंडल पर लिखा कि “प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ। इटली के साथ भारत की दोस्ती और मजबूत होती जाएगी, जिससे हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा”!
क्या भारत और कनाडा के बीच शुरू होने जा रहा है नया अध्याय
मालूम हो कि बीते कुछ महीनों से कनाडा और भारत के रिश्ते अपने निचले स्तर पर थे, हालांकि जब के कनाडा के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के G7 Summit में आने का न्योता दिया, जिसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है, साथ ही PM Modi और कनाडा के PM Carney के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमे स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एलएनजी, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, गतिशीलता समेत कई मुद्दे शामिल थे। यानि यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में कनाडा और भारत के रिश्तों में सुधार हो सकता है।