Karnataka Politics: कई करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। ताजा मामला कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गहराए सियासी संकट से जुड़ा है। खबरों की मानें तो डीके शिवकुमार खेमा के कई विधायक दिल्ली पहुंचकर डेरा जमाए हुए हैं। विधायकों की मांग है कि अब कर्नाटक की कमान डीके शिवकुमार को सौंपकर सत्ता परिवर्तन पर आधिकारिक मुहर लगाया जाए। वहीं सीएम सिद्धारमैया अभी किसी हाल में पद छोड़ने को तैयार नही हैं। कर्नाटक की सियासत में उपजे इस ताजा घटनाक्रम ने कांग्रेस आलाकमान की दुविधा बढ़ा दी है। विधायकों के दिल्ली दौरे को लेकर बेंगलुरु से लेकर कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में सियासी सरगर्मी चढ़ती नजर आ रही है।
डीके शिवकुमार खेमा के दिल्ली दौरे ने बढ़ाई सीएम सिद्धारमैया की मुश्किलें!
कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डीके शिवकुमार खेमा के कई विधायक दिल्ली दौरे पर पहुंच गए हैं। विधायकों की मांग है कि सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले को लागू कर अब सूबे की कमान डीके शिवकुमार को सौंपी जाए। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को मिली बहुमत के बाद सत्ता-बंटवारा फॉर्मूले का जिक्र सामने आया था। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया की पकड़ सत्ता पर मजबूत होती गई और अब नेतृत्व परिवर्तन की बात से सभी कतराते हैं। इन सबके बीच डीके शिवकुमार के समर्थन में लगभग 10 विधायकों का दिल्ली दौरा और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात सिद्धारमैया खेमा की मुश्किलें बढ़ाता नजर आ रहा है। इसी क्रम में कर्नाटक के सियासी हलकों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर नए सिरे से हलचल तेज हो गई है।
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मची हलचल से दुविधा में कांग्रेस – Karnataka Politics
दक्षिण में अपनी साख बचाने में कामयाब रही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर तेज हुई सियासी हलचल ने पार्टी आलाकमान को दुविधा में डाल दिया है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत तमाम कांग्रेस शीर्ष नेता इस सियासी घटनाक्रम पर नजर जमाए हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सत्ता-बंटवारा फॉर्मूले का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, अब सिद्धारमैया मजबूती से कर्नाटक की सत्ता में काबिज हो चुके हैं जिससे डीके शिवकुमार की ताजपोशी अधर में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार की इस सियासी जग में कांग्रेस की दुविधा पर कैसे विराम लगता है।






