Marathi Language Row: महाराष्ट्र में मराठी भाषा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बता दें कि एमएनएस के समर्थक जगह-जगह लोगों को मराठी भाषा बोलने के लिए कह रहे है, जो नहीं बोल रहा है या उसे नहीं आती है, उसे सरेआम बेईजज्त किया जा रहा है। इसी बीच न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक पूर्व मरीन कमांडो ने Raj Thackeray और उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने यह भी सवाल किया कि मुंबई में जब आतंकवादी हमला हुआ था, तो वह लोग कहां थे। मालूम हो कि Marathi Language Row पर अब लोग जमकर एमएनएस और उनके कार्यकर्ताओं को आड़े हाथ ले रहे है।
Marathi Language Row पर पूर्व मरीन कमांडो ने दी प्रतिक्रिया
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पूर्व मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने Marathi Language Row पर कहा कि “जब 26/11 का आतंकवादी हमला हुआ, तो उनके (मनसे) तथाकथित योद्धा छिप गए और कहीं नहीं मिले। वह (राज ठाकरे) खुद, उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के साथ, भी नहीं मिले। जिन लोगों ने दूसरों को बचाया, जैसे कि सेना के जवान, वे मुख्य रूप से यूपी और बिहार से हैं। मैं वहां था, स्थिति को संभाला और आतंकवादियों का सामना किया।
मैं भी यूपी से हूं और चौधरी चरण सिंह के गांव से आता हूं। इसलिए, हमें राजनीति मत सिखाइए। राजनीति को भाषा से अलग करें। हम मराठी पर गर्व करते हैं, लेकिन लोगों को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। अगर आपको राजनीति करनी है, तो विकास कार्यों और नौकरियों पर ध्यान दें। राज ठाकरे और मनसे ने अभी तक कोई विकास कार्य नहीं किया है”।
मराठी भाषा विवाद पर यूजर्स भी जमकर दे रहे है अपनी प्रतिक्रिया
बता दें कि Marathi Language Row को लेकर अब यूजर्स जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। एक यूजर ने लिखा कि
“राज ठाकरे की बकवास का क्या शानदार जवाब है। वह कायर है और जब जरूरत होती है तो कहीं नहीं मिलता। चाहे 26/11 हो या कोई और त्रासदी, मनसे कार्यकर्ता कहीं नहीं मिलते”। एक दूसरे यूजर ने लिखा कि
“हाल के दिनों में चुनावों के दौरान दोनों को जनता ने नकार दिया है”। एक और यूजर ने लिखा कि
“26/11 के एक असली हीरो ने MNS की झूठी बहादुरी को उजागर कर दिया – जब वे छिप गए, तो यूपी-बिहार के बेटे गोलियों का सामना कर रहे थे”।