Rajasthan: राजस्थान की एसीबी ने RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ एक केस दर्ज किया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को बीवीजी कंपनी के बकाया भुगतान में घूस मांगने में RSS प्रचारक के खिलाफ ACB की एफआईआर को रद्द करने के आदेश दे दिए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि RSS के क्षेत्रीय प्रचारक के खिलाफ रिश्वत मांगने का षडयंत्रपूर्वक मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में कार्रवाई के लिए लंबित चल रही ACB की एफआईआर को हाईकोर्ट ने रद्द करने के आदेश जारी कर दिए।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें जयपुर नगर निगम में 10 जून 2021 को बीवीजी कंपनी के बकाया 276 करोड़ के संबध में राजस्थान की एसीबी ने RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ एक केस दर्ज किया था। ACB की एफआईआर के मुताबिक कंपनी के 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले निम्बाराम ने बीवीजी से 20 करोड़ रुपए की घूस मांगी थी। इसी का मामला जयपुर की ट्राइल कोर्ट में लंबित पड़ा हुआ था। इस निम्बाराम ने इस केस के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की हुई थी। जिसकी जांच में पाया गया कि रिश्वत मांगने के साक्ष्य के रुप में एसीबी ने जो ऑडियो-वीडियो प्रस्तुत किए थे। उसमें बदले की भावना से काट-छांट की गई थी। वास्तव में जो बातचीत साक्ष्य के रुप में कोर्ट में दी गई थी वो राममंदिर के सहयोग राशि के संबंध में थी। जिसका कंपनी के साथ कोई संबंध नहीं था। निम्बाराम को राजनीतिक द्वेष में फंसाया गया।

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भाजपा ने किया फैसले का स्वागत

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ‘मैं न्यायालय के निर्णय का स्वागत करता हूं। इससे एक बात और स्पष्ट हो गई कि कांग्रेस जिस तरीके से सियासत करती है, राजनीति करती है, राष्ट्रवादी संगठनों के लोगों की जिस तरीके से मानहानि करती है। साजिश के तहत षडयंत्र करके अक्सर कांग्रेस की सरकार में ऐसा होता रहा है कि मुद्दों से ध्यान बांटने के लिए, अपने पापों पर पर्दा डालने के लिए राष्ट्रवादी संगठनों को लांक्षित करने का काम करती है।’

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