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Sharad Pawar को लेकर क्यों कन्फ्यूजन में है INDIA Allaince ? भतीजे से नरमी कहीं पड़ न जाए भारी

Sharad Pawar: विपक्षी 'इंडिया' गुट की बैठक में अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी और समन्वय समिति में शामिल किए जाने से उन अटकलों पर विराम लग गया है कि वे भाजपा विरोधी मोर्चे के इतर कोई कोई कदम उठाने वाले हैं। इससे पहले भतीजे से नरमी के चलते उन्हें लेकर काफी कन्फ्यूजन था।

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Sharad Pawar
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Sharad Pawar: महाराष्ट्र में एनसीपी में फुट के बाद से शरद पवार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लगातार बदल रही सियासी रणनीतियों के बीच सबसे बड़ा कन्फ्यूजन INDIA Alliance में है। पार्टी में टूट के बाद भी शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले के बयानों में अजित पवार के प्रति नरमी देखी जा रही है। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है की भतीजे से नाता बनाए रखना शरद पवार की रणनीति हो सकती है।

NDA में जाने की अटकलों पर लगा विराम

कहा जा रहा है की शरद पवार INDIA Alliance से अपना नाता तोड़ NDA के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं। हालांकि, बीते दिनों हुई विपक्षी गठबंधन की बैठक में शरद पवार के शामिल होने से इन सारी अटकलों पर विराम लग गया है। इतना ही नहीं उन्हें इंडिया एलायंस की समन्वय समिति का सदस्य भी बनाया गया है, जिससे पता चलता है की गठबंधन को उन पर अभी भी भरोसा है। जिस वजह से उन्हें ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

समन्वय समिति में शरद को मिली जगह

शिवसेना (UBT) के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, 14 सदस्यीय समन्वय समिति में पवार को शामिल करने और सम्मेलन में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया कि एनसीपी नेता विपक्षी मोर्चा छोड़ रहे थे। समन्वय समिति के अन्य सदस्यों में TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद राघव चड्ढा शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इससे विपक्षी एकता समूह की दिशा तय होगी।

शरद पवार को लेकर क्यों था कन्फ्यूजन ?

बता दें कि पवार के भतीजे अजीत पवार ने भाजपा के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री बनने के लिए 2 जुलाई को अपने चाचा से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद अजित ने कम से कम चार बार पवार से मुलाकात की। अजित के साथ इन मुलाकातों के बाद, 1 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में पुणे में एक पुरस्कार समारोह में उनके साथ मंच साझा करने के पवार के फैसले पर भी विवाद हुआ था।

उस समय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया था कि शरद-अजीत की मुलाकात ने एनसीपी के सहयोगियों और समर्थकों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दीथी। ऐसा ही कुछ पवार की बेटी सुप्रिया सुले के साथ भी देखने को मिला था, जब उन्होंने अपने भाई के प्रति नरमी दिखाई थी। लेकिन इन सभी अफवाहों के बावजूद, मुंबई में हुई विपक्षी गठबंधन की बैठक में NCP अध्यक्ष शरद पवार की उपस्थिति और समन्वय समिति में उनके शामिल होने से विपक्षी समूह के नेताओं का पवार पर विश्वास बहाल हो गया है।

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