गुरूवार, मई 16, 2024
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Chandrayaan-3: जानें अभी किस स्थिति में है Vikram Lander, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ISRO को भेजी तस्वीर, आप भी देखें

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Chandrayaan-3: ISRO ने कुछ दिनों पहले बताया था की चांद पर कुछ रहस्यमयी झटके महसूस किए गए थे। जिन्हें शुरूआती तौर पर भूकंप के झटके कहा गया था।

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Chandrayaan-3: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर खींची है।

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Chandrayaan-3: ISRO ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में प्रज्ञान रोवर की मदद से एक खास तकनीक के जरिये ली गई 3D 'एनाग्लिफ' तस्वीर जारी की है।

Chandrayaan-3: भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 फिलहाल अपना काम पूरा करने के बाद स्लीप मोड पर है। क्योंकि इस समय चांद पर अंधेरा छाया हुआ है, जिस वजस से सूर्य की रोशनी में काम करने वाले विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड पर डाला गया है। हालांकि, ISRO दोनों पर नजर बनाए हुआ है।

दोनों को लगातार ट्रैक किया जा रहा है। इसी बीच ISRO (Indian Space Research Organisation) ने मिशन को लेकर नया अपडेट जारी किया है। ISRO ने विक्रम लैंडर की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया है। इस संबंध में ISRO ने एक फोटो भी शेयर की है, जो चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर द्वारा खींची गई है।

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने खींची विक्रम लैंडर की तस्वीर

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ISRO ने बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की फोटो खींची है। यह तस्वीर 6 सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर पर लगे डूअल-फ्रीक्वेंसी सिनेटिक अपर्चर रडार (Dual-frequency Synthetic Aperture Radar) द्वारा कैप्चर की गई थी।

ISRO ने बताया कि एसएआर (SAR) उपकरण किसी दिए गए फ्रीक्वेंसी बैंड में माइक्रोवेव प्रसारित करता है और सतह से बिखरे हुए समान को प्राप्त करता है। रडार होने के कारण यह सौर प्रकाश के बिना भी तस्वीरें खींच सकता है। यह लक्ष्य सुविधाओं की दूरी और भौतिक विशेषताएं दोनों प्रदान कर सकता है। इसलिए, फ्रीक्वेंसी का उपयोग पृथ्वी और अन्य खगोलीय पिंडों की रिमोट सेंसिंग के लिए किया जाता है।

हाई रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें खींचता है यह उपकरण

डीएफएसएआर चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर एक प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण है। यह एल- और एस-बैंड बैंड में माइक्रोवेव का उपयोग करता है। यह अत्याधुनिक उपकरण वर्तमान में किसी भी ग्रहीय मिशन पर सर्वोत्तम रिज़ॉल्यूशन वाली पोलारिमेट्रिक छवियां पेश कर रहा है। लंबी रडार तरंग दैर्ध्य डीएफएसएआर को कुछ मीटर तक चंद्र उपसतह सुविधाओं का पता लगाने में सक्षम बनाती है। डीएफएसएआर पिछले 4 वर्षों से चंद्र सतह की इमेजिंग करके उच्च गुणवत्ता वाले डेटा प्रसारित कर रहा है, जिसका मुख्य ध्यान चंद्र ध्रुवीय विज्ञान पर है।

NASA ने भी जारी की थी विक्रम लैंडर की तस्वीर

इससे पहले NASA ने भी चंद्रयान-3 के लैंडर की एक तस्वीर जारी की थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर फोटो शेयर करते हुए NASA ने लिखा था, “LRO अंतरिक्ष यान ने हाल ही में चांद की सतह पर चंद्रयान-3 लैंडर की तस्वीर ली है। ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का चंद्रयान-3, 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 600 किलोमीटर दूर उतरा था।”

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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