Sunday, May 18, 2025
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ISRO ने हासिल किया एक और नया कीर्तिमान, EOS-08 को सफलतापूर्वक किया लॉन्च, जानें क्या है इसका मिशन?

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ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, 29 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। इस दिन ISRO अपने 100वें रॉकेट लॉन्च के रूप में GSLV-F15 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा।

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि (ISRO) को आज एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शुक्रवार को श्री हरि कोटा आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पृथ्वी) अवलोकन उपग्रह – 8 (ईओएस -8) सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। बताते चले कि इसरो का यह तीसरा मिशन है। इसरो के लिए यह काफी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वहीं इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने सफलतापूर्व लॉन्च के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने जताई खुशी

ईओएस -8 के सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद इस प्रमुख एस सोमनाथ में खुशी जताते हुए कहा कि “एसएसएलवी की तीसरी विकासात्मक उड़ान – एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। रॉकेट ने योजना के अनुसार अंतरिक्ष यान को बिल्कुल सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है। मैंने पाया कि इंजेक्शन की स्थितियों में कोई विचलन नहीं है। अंतिम कक्षा ट्रैकिंग के बाद पता चलेगी लेकिन वर्तमान संकेत यह है कि सब कुछ सही है।

युद्धाभ्यास के बाद EOS-08 उपग्रह के साथ-साथ SR-08 उपग्रह को भी इंजेक्ट किया गया है। एसएसएलवी-डी3 टीम, परियोजना टीम को बधाई। एसएसएलवी की इस तीसरी विकासात्मक उड़ान के साथ, हम घोषणा कर सकते हैं कि एसएसएलवी की विकास प्रक्रिया पूरी हो गई है”।

EOS-8 उपग्रह का क्या होगा मिशन?

मिली जानकारी के अनुसार SSLV-D3-EOS-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में एक माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन करना और विकसित करना है। साथ ही माइक्रोसैटेलाइट के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को शामिल करना शामिल है। वहीं इसका मिशन 1 साल का है। इसके अलावा इस उपग्रह के माध्यम से बाढ़ का पता लगाया जा सकता है। बताते चले कि इसका द्रवयमान लगभग 175.5 किलोग्राम है। यह लगभग 420 वाट की शक्ति उतपन्न करता है। इसरो ने कहा कहा कि उपग्रह SSLV-D3/IBL-358 प्रक्षेपण यान के साथ इंटरफेस करता है।

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