Sanchar Saathi App: रोजाना किसी न किसी के साथ साइबर ठगी की खबरें सामने आती हैं। ऐसे में हर स्मार्टफोन यूजर को साइबर सेफ्टी मिलनी चाहिए, ताकि ऑनलाइन जालसाजों को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही लोगों की मेहनत की कमाई को धोखाधड़ी में गंवाने से रोका जा सके। इसके लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। देश में सभी फोन कंपनियों को आदेश दिया कि 90 दिनों के भीतर फोन्स में संचार साथी ऐप को प्रीलोड करें। इसके बाद काफी हंगामा शुरू हो गया।
Sanchar Saathi App पर क्यों शुरू हुआ हंगामा?
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को संचार साथी ऐप को लेकर कई विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। विरोधी दलों ने कहा कि इस ऐप के जरिए केंद्र सरकार लोगों की जासूसी करना चाहती है। इससे लोगों की प्राइवेसी भंग हो सकती है और यह सीधे तौर पर लोगों की निजता का हनन है।
बीते दिनों भारत सरकार ने फोन बनाने वाली कंपनियों को कहा कि 90 दिनों के अंदर सभी मौजूद मोबाइलों में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी ऐप को इंस्टॉल किया जाए। वहीं, जो फोन्स अभी प्रोडक्शन या सेल्स लाइन में पड़े हुए हैं, उनमें प्रीलोड तरीके से इस ऐप को डाला जाए। साथ ही इस ऐप को यूजर्स न अनइंस्टॉल कर सकेंगे और रिमूव भी नहीं कर पाएंगे। ताकि यूजर्स को पूरी तरह से साइबर सुरक्षा मिले।
संचार साथी ऐप को लेकर सरकार ने दी सफाई
वहीं, हंगामा बढ़ने पर भारत सरकार में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐप को लेकर सफाई दी और सरकार का पक्ष रखा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘संचार साथी’ ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके। यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूजर चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते हैं, और न चाहें तो, वे किसी भी समय इसे अपने फोन से आसानी से डिलीट कर सकते हैं।’
केंद्रीय संचार मंत्री सिंधिया ने बताया, ’20 करोड़ से अधिक लोग अब तक पोर्टल का उपयोग कर चुके हैं। 1.5 करोड़ ज्यादा यूजर्स ऐप से जुड़े हुए हैं। नागरिकों द्वारा ‘Not My Number’ चुने जाने पर 1.43 करोड़ ज्यादा मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए। 26 लाख मोबाइल फ़ोन ट्रेस हुए, जिनमें से 7.23 लाख फ़ोन सफलतापूर्वक नागरिकों को लौटाए गए। नागरिकों द्वारा रिपोर्ट किए गए 40.96 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए। 6.2 लाख फ्रॉड-लिंक्ड IMEIs ब्लॉक किए जा चुके हैं।’
क्या है साइबर सुरक्षा प्रदान करने वाला ऐप?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संचार साथी ऐप लोगों को बेहतर साइबर सुरक्षा देने के लिए विकसित किया गया है। इस ऐप के जरिए यूजर्स के खोए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने, IMEI नंबर के जरिए पुराने मोबाइलों की असलियत वेरिफाई करने, उनके नाम पर जारी सभी मोबाइल कनेक्शन चेक करने और अगर कोई धोखाधड़ी वाली बातचीत हो तो उसकी रिपोर्ट करने में मदद करने के लिए विकसित किया गया है।
विवाद के बीच एप्पल आईफोन यूजर्स का क्या होगा?
उधर, इंटरनेट पर काफी यूजर्स के बीच यह सवाल है कि आईफोन चलाने वाले लोगों का क्या होगा? बता दें कि कि एप्पल की नीति है कि वह किसी भी सरकारी या थर्ड पार्टी ऐप को आईफोन में इंस्टॉल करने की इजाजत नहीं देता है। ऐसे में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एप्पल और भारत सरकार के बीच एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। मालूम हो कि एप्पल का आईओएस किसी भी ऐप को आसानी से एक्सेस नहीं देता है। सरकारी ऐप यूजर्स के फोन में कैमरा, कॉल और मैसेज डिटेल्स का एक्सेल मांगता है। ऐसे में आने वाले दिनों में पता चल पाएगा कि आईफोन यूजर्स को सरकार की तरफ से साइबर सुरक्षा मिलेगी या नहीं।






