गुरूवार, जुलाई 10, 2025
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‘गोलियों का सामना करने के लिए तैयार..,’ कट्टरपंथी Asim Munir को असद इकबाल की दो टूक, भरे मंच से PM शहबाज के लाडले को धमकाया

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Asim Munir: अंदरखाने कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज और बुलंद हो रही है। यहां बात पाकिस्तान के संदर्भ में हो रही है जहां आसिम मुनीर खुद ही अपनी जनता के बीच लोकप्रियता खोते नजर आ रहे हैं। भारत समेत दुनिया के अन्य तमाम शांतिप्रिय देशों के खिलाफ षड़यंत्र रचने में माहिर आसिम मुनीर का विरोध पाकिस्तान में जमकर हो रहा है। पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष असद इकबाल ने तो Asim Munir को बूढ़ा करार देते हुए उन्हें सेना की गोलियां खाने के लिए तैयार रहने को कहा है। PM शहबाज शरीफ के लाडले आर्मी चीफ के लिए ये स्थिति अनुकूल नहीं है। दावा किया जा रहा है कि सेना को कट्टरपंथ के रास्ते पर आगे बढ़ाने से तमाम ऐसे बुद्धिजीवी वर्ग नाराज हैं, जो शांति के पक्ष में है। यही वजह है कि अंदरखाने आसिम मुनीर के खिलाफ विद्रोह की आवाज तेज हो रही है।

भरे मंच से Asim Munir को धमका गए असद इकबाल

किसी खास कार्यक्रम के लिए सजे मंच पर जैसे ही पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष असद इकबाल पहुंचे कि नारेबाजी शुरू हो गई। आलम ये हुआ कि असद ने अपने सेना प्रमुख आसिम मुनीर को ही निशाने पर ले लिया। Pakistan में वर्तमान हालात को देखते हुए असद इकबाल इसका जिम्मेदार PM शहबाज के लाडले सेना प्रमुख को मानते हैं। असद इकबाल ने नफरत का बीज बोने वाले Asim Munir को धमकाते हुए यहां तक कह दिया कि “यह बूढ़ा आदमी पाकिस्तानी सेना की गोलियों का सामना करने के लिए तैयार रहे। भविष्य में पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर जाएंगे और इसके ऊपर पत्थर फेंकेंगे। ये फिर कहीं चेहरा भी नहीं छिपा पाएगा।” असद इकबाल की ये बातें बेहद गंभीर हैं जो अंदरखाने पाकिस्तान के भीतर सेना प्रमुख के खिलाफ उठ रहे विद्रोह की आवाज को दर्शाती हैं।

PM शहबाज के लाडले आसिम मुनीर के खिलाफ तेज होती विद्रोह की आवाज

थोड़ा फ्लैशबैक में जाएं तो डोनाल्ड ट्रंप के साथ पाकिस्तानी आर्मी चीफ के लंच से जुड़ा एपिसोड सामने आता है। उस दौरान आसिम मुनीर इस कदर जी-हाजुरी में जुटे थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार तक देने का पक्ष रख गए। Asim Munir के इस प्रस्ताव को पीएम शहबाज शरीफ का भी समर्थन मिला। हालांकि, अंदरखाने पाकिस्तानी आवाम सड़कों पर उतर गई और ‘पाकिस्तान स्टैंड विद ईरान’ के साथ मुनीर-शाहबाज मुर्दाबाद के नारे लगाए। कई लेखक, पत्रकार व अन्य लोग भी मुनीर को भला-बुरा कहने लगे। इसी क्रम में अब मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष असद इकबाल का Asim Munir को धमकाना अंदरखाने विद्रोह की आवाज तेज होने का संकेत है। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के भीतर कट्टरपंथी आसिम मुनीर से जनता उब गई है और जल्द ही कुछ बड़ा देखने को मिल सकता है। फिलहाल सबकी नजरें कंगाल पाकिस्तान के घटनाक्रमों पर हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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