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Asim Munir: मुल्ला मुनीर के साथ खेला! तय तारीख के बाद भी नहीं मिला CDF का पद, इस्लामाबाद से रावलपिंडी तक तेज हुई हलचल

पाकिस्तानी सेना प्रमुख Asim Munir के साथ क्या खेला हो गया है? ये सवाल तय तारीख के बाद भी CDF पद पर उनकी तैनाती न होने के बाद उठ रहे हैं। इसको लेकर इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडीस कराची तक हलचल तेज है।

Asim Munir
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Asim Munir: कराची से लेकर इस्लामाबाद, रावलपिंडी तक हलचल तेज हो गई है। इसकी प्रमुख वजह है मुल्ला मुनीर की ताजपोशी पर चल रही अटकलें। दरअसल, नवंबर के आखिरी सप्ताह में ही आसिम मुनीर को पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज यानी सीडीएएफ के पद पर तैनात किया जाना था।

हालांकि, आज 4 दिसंबर आ जाने के बाद भी आसिम मुनीर की ताजपोशी अधर में है। यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख के साथ खेला होने के आसार जताए जा रहे हैं। इस्लामाबाद से कराची, रावलपिंडी तक तेज हुई हलचल के बीच सवाल उठ रहे हैं कि कहीं पीएम शहबाज शरीफ का मन तो नहीं बदल गया जिस कारण आसिम मुनीर की ताजपोशी संकट में है।

तय तारीख के बाद भी Asim Munir को नहीं मिला CDF का पद!

पीटीआई समर्थकों के विरोध, इमरान खान की हालिया दुर्दशा और पीएम शहबाज शरीफ के विदेश दौरे के बीच मुल्ला मुनीर सवालों के घेरे में है। दरअसल, 29 नवंबर को ही आसिम मुनीर को सीडीएएफ के पद पर तैनात किया जाना था। हालांकि, आज 4 दिसंबर तक उनकी ताजपोशी नहीं हुई है। इस बीच शहबाज शरीफ ब्रिटेन दौरे पर चले गए जहां उनके इलाज का मामला सामने आया।

कहा गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सेहत ठीक नहीं है जिसके कारण उनकी सक्रियता प्रभावित है। हालांकि, एक ऐसा तबका भी है जो आसिम मुनीर की ताजपोशी में रुकावट को सोची-समझी रणनीति बता रहा है। यदि ऐसा है तो निश्चित रूप से सेना प्रमुख के साख हुकूमत खेला कर रही है। सबकी नजरें पाकिस्तान में चल रही इस घटनाक्रम पर हैं ताकि पुख्ता जानकारी सामने आ सके।

इस्लामाबाद से रावलपिंडी, कराची तक तेज हुई हलचल!

मुल्ला मुनीर का प्रमोशन क्या रुका कि इस्लामाबाद से लेकर कराची, रावलपिंडी तक हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान से राजधानी से इतर तमाम अन्य शहरों में आसिम मुनीर चर्चा का केन्द्र बने हुए हैं। एक ओर इमरान खान की हालिया दशा जहां सवालों के घेरे में है, वहीं दूसरी ओर आसिम मुनीर को सीडीएएफ के पद पर तैनात करने में हो रही देरी से भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यही वजह है कि इस्लामाबाद से कराची, रावलपिंडी तक हुक्मरानों की भूमिका के साथ सेना प्रमुख को लेकर जारी अटकलें खबरों मे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आसिम मुनीर कब तक सीडीएएफ के पद पर तैनात होते हैं या उनका क्या हस्र होता है।

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