Chinmoy Krishna Das: थोड़ा इंतजार ही सही, लेकिन अंतत: बांग्लादेश के हिंदू समुदाय को बड़ी खुशखबरी मिली है। दरअसल, बांग्लादेश हाईकोर्ट ने देशद्रोह मामले में सलाखों की हवा खा रहे हिंदू संत चिन्मय कृष्णा दास को जमानत दे दी है। Bangladesh HC का ये बड़ा फैसला उन कट्टरपंथियों के लिए झटके के समान है जो ISKCON चीफ को हमेशा कानूनी कार्रवाई की पेंच में फंसे रहने देना चाहते थे। इसके साथ ही कट्टरपंथ की ओर रुख कर चुके अंतरिम सरकार के प्रमुक मोहम्मद यूनुस के लिए के मंसूबो पर भी पानी सा फिर गिर गया है। Chinmoy Krishna Das को HC से जमानत मिलना उनकी लंबी कानूनी लड़ाई का नतीजा है जिसमें अब जाकर हिंदू संत को सफलता मिली है।
Bangladesh HC ने हिंदू संत Chinmoy Krishna Das को दी जमानत
दी डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश हाईकोर्ट की एक बेंच ने हिंदू संत को देशद्रोह मामले में जमानद दे दी है। जस्टिस मोहम्मद रहमान और अली रिजा की बेंच ने यूनुस सरकार पर उठते सवालों के बीच चिन्मय कृष्णा दास को जमानत देने का काम किया है। बता दें कि इससे पूर्व 25 नवंबर 2024 को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इस गंभीर आरोप के आधार पर Chinmoy Krishna Das को चटगांव की अदालत ने 27 नवंबर को हिरासत में भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद लगातार जमानत को लेकर सुनवाई जारी थी। अंतत: आज 30 अप्रैल को बांग्लादेश हाईकोर्ट ने तमाम दलीलों पर सुनवाई करते हुए चिन्मय कृष्णा दास को जमानत दे दी है।
चिन्मय कृष्णा दास की जमानत से कट्टरपंथियों को लगा बड़ा झटका
ये जगजाहिर है कि बांग्लादेश की राह बदल चुकी है। कभी विकास के पथ पर गतिमान होना, बांग्लादेश की पहचान थी। पर आज मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में बांग्लादेश की नजदीकियां पाकिस्तान से बढ़ी हैं। आईएसआई की सक्रियता बांग्लादेश में होने के कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि Chinmoy Krishna Das को जमानत मिलना यूनुस सरकार के मंसूबो पर पानी फिरने जैसा है। साथ ही कट्टरपंथियों पर बड़ा प्रहार है। कट्टरपंथी जहां एक ओर बांग्लादेश को पूरी तरह से तब्दील करना चाह रहे हैं, वहीं हाईकोर्ट का दखल देकर हिंदू सत को जमानत देना उनके लिए झटके के समान है।