Bangladesh Violence: बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर अब विदेशों से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। मामला तब और गरमा गया जब ISKCON मंदिर के पुजारी Chinmay Krishna Das की गिरफ्तार हुई। मालूम हो कि भारत ने भी इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। बीते दिन पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने Muhammad Yunus सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था। वहीं अब बांग्लादेश चारों तरफ से कटघरे में आता हुआ दिख रहा है। वहीं अब Bangladesh Violence पर पूर्व अमेरिकी आयुक्त और राष्ट्रपति ट्रम्प के पूर्व आध्यात्मिक सलाहकार Johnnie Moore ने भी यूनुस सरकार पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Johnnie Moore ने Bangladesh Violence पर जताई चिंता
आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी आयुक्त Johnnie Moore ने Bangladesh Violence और हिंदुओं पर चिंता जताते हुए कहा कि “हमें यकीन नहीं है कि वास्तव में यह कौन कर रहा है, लेकिन मैं बस इतना कहना चाहता हूं, जिस तरह से मैं इसे देखता हूं, मुहम्मद यूनुस विफल हो रहे है। यदि कानून का शासन इतना अक्षम हो जाए कि उचित प्रक्रिया मिलने के बजाय एक वकील की हत्या कर दी जाए। यह अविश्वसनीय है, मैं बांग्लादेशी सरकार में श्री यूनुस की प्रतिक्रिया से आश्चर्यचकित था। बांग्लादेश सिर्फ एक मुस्लिम देश नहीं है।
यह एक मुस्लिम-बहुल देश है जिसमें बहुत सारे अल्पसंख्यक हैं। देश में ऐसा कोई अल्पसंख्यक नहीं है जो इस समय ख़तरा महसूस नहीं कर रहा हो। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि वैश्विक ईसाई समुदाय बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ खड़ा है”।
बांग्लादेश हाईकोर्ट ने ISKCON पर बैन लगाने से किया इंकार – Bangladesh Violence
बता दें कि Chinmay Krishna Das की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी जिसमे ISKCON मंदिर पर बैन लगाने की मांग हुई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस्कॉन बांग्लादेश ने कथित तौर पर चिन्मय कृष्ण दास को खुद से अलग कर लिया। बयान में कहा गया है कि कार्यवाहियां धार्मिक संस्था का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं”।
बांग्लादेश हिंसा पर ब्रिटिश सांसद ने क्या कहा?
भारत के बाद अब विदेशों से भी Muhammad Yunus के रवैये पर सवाल उठ रहे है। दरअसल बांग्लादेश हिंसा को लेकर ब्रिटिश सांसद Bob Blackman ने बांग्लादेश सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि “आज, मैंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की।
मैं उनके उच्च न्यायालय में यह निर्णय देने के प्रयास से भी चिंतित हूं कि ISKCON को देश से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। विश्व स्तर पर धर्म की स्वतंत्रता को संरक्षित किया जाना चाहिए”।