Indus Water Treaty: भारत के एक फैसले ने पड़ोसी मुल्क को इस कदर बैकफुट पर ला दिया है कि सेना के साथ अब हुक्मरान भी घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। दरअसल, कुछ सैटलाइट तस्वीरें आई हैं जो पाकिस्तान में बर्बादी का मंजर दर्शाने को काफी हैं। इंडस वाटर ट्रीटी सस्पेंड होने के बाद Pakistan में पानी का प्रवाह अब धीरे-धीरे अस्थिर हो रहा है। पूरा लब्बोलुआब ये है कि पाकिस्तान अब धीरे-धीरे जल संकट की ओर बढ़ रहा है। Satellite Image भी ये बयां करने को काफी हैं कि कैसे Indus Water Treaty रद्द होने के बाद पड़ोसी मुल्क में अस्थिरता पैदा हो रही है। यही वजह है कि सैन्य अधिकारियों के बाद अब पाकिस्तानी सांसद अली जफ़र की छटपटाहट सामने आई है। पाकिस्तानी सांसद ने सिंधु जल संधि को वाटर बम बताते हुए शीघ्र ही इसका समाधान करने की अपील की है।
चर्चित Indus Water Treaty रद्द होने के बाद जल संकट की ओर बढ़ रहा पड़ोसी मुल्क?
आंकड़े ये बयां करने को काफी हैं कि कैसे सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद पाकिस्तान जल संकट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सैटलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जो जल प्रवाह की अस्थिरता को बयां कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इंडस वाटर ट्रेटी रद्द होने के बाद सरकार ने पिछले महीने बांधों से पानी निकालने को एक नियमित अभ्यास बना दिया है। भारत की ओर से बांध सफाई का काम तेज हो गया है जो जिससे पाकिस्तान में पानी का प्रवाह अस्थिर होने का कारण बन रहा है।

यहां संलग्न की गई तस्वीर बगलिहार डैम की है जिसमें पिछले एक माह के दौरान जल प्रवाह की समीक्षा की गई है। इस तस्वीर में नदी के पानी के रंग में स्पष्ट बदलाव कीचड़ और तलछट का संकेत देता है। अगले 10 दिनों में, सेंटिनल की तस्वीरें दिखाती हैं कि पानी के स्तर में तेज गिरावट आई और उसके बाद अचानक उछाल आया।
अगली तस्वीर किशनगंगा जलविद्युत परियोजना की है। इसके जलाशय यूं तो Indus Water Treaty सस्पेंड होने के बाद सीमित हैं। इसमें सभी तीन गेटों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाता है, फिर उन्हें एक साथ बंद कर दिया जाता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से सिंधु जल संधि को रद्द करना अब पाकिस्तान को बैकफुट पर ले जा रहा है और पड़ोसी मुल्क जल प्रवाह में अस्थिरता का सामना कर रहा है।
इंडस वाटर ट्रीटी रद्द होने के बाद सेना ही नहीं, हुक्मरान भी टेकने लगे घुटने!
अहमद शरीफ चौधरी हों या आसिम मुनीर, सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद कहीं ना कहीं सबकी छटपटाहट सामने आ चुकी है। आतंकी हाफिज सईद की भाषा बोलते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता शरीफ चौधरी ने तो पानी के बदले सांस बंद करने की गीदड़भभकी तक दे दी, जो Indus Water Treaty रद्द होनी की अहमियत दर्शाती है। आलम ये भी है कि अब सेना के बाद पाकिस्तानी हुक्मरान भी घुटने टेकने लगे हैं। पाकिस्तानी सांसद अली जफ़र ने तो ये तक कह दिया है कि यदि इस मसले को जल्द नहीं सुलझाया गया तो बड़ी त्रासदी आ सकती है।
जल संकट से इतनी मौतें हो सकती हैं जिन्हें गिनना मुश्किल होगा। इंडस वाटर ट्रीटी का सस्पेंड होना ना सिर्फ भूखमरी का कारण बनेगा, बल्कि कृषि से लेकर उद्योग जगत तक प्रभावित हो सकते हैं। सांसद अली जफ़र के अलावा ऑपरेशन सिंदूर को भयावह बताने वाली मरियम नवाज भी Indus Water Treaty के दुष्परिणाम पर चिंता व्यक्त कर चुकी हैं। ऐसे में ये स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के बाद अब हुक्मरान भी घुटने टेकने लगे हैं और धीरे-धीरे उन्हें समझ में आ रहा है कि कैसे भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का बंदोबस्त किया है।
सिंधु जल संधि रद्द होने से पाकिस्तान में बढ़ा जल संकट का खतरा!
समझ लीजिए कि पाकिस्तान धीरे-धीरे जल त्रासदी की उस दौर की ओर बढ़ रहा है, जो शायद इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाए। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने फौरी तौर पर आतंक के आका Pakistan पर जवाबी कार्रवाई करते हुए Indus Water Treaty को रद्द कर दिया। इसका आलम ये हुआ कि पाकिस्तान द्वारा सिंधु, झेलम और चिनाब नदी के जल का उपयोग करने पर पूर्णत: रोक लग गई। पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में इन्हीं नदियों से पेय जल की सप्लाई होती थी। इसके अलावा उद्योग से लेकर कृषि जगत भी इंडस वाटर ट्रीटी के तहत मिलने वाले जल पर निर्भर था। हालांकि, अब स्थिति बदल गई है और सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले 80 फीसदी जल सप्लाई पर रोक लग गई है। दावा किया जा रहा है कि निकट भविष्य में इसका असर नजर आ सकता है।