Danish Kaneria: पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों का दर्द कई दफा छपने के बजाय छिपर जाता है। ऐसे ही दर्द को उजागर किया है पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिंदू दानिश कनेरिया ने। पूर्व Pakistani क्रिकेटर ने अमेरिका में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपनी आपबीती सांझा की। उन्होंने बताया कि बुजदिल पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिंदुओं पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं। Dinesh Kaneria के अलावा असरा नोमानी, शिया ज़ेबा मोहम्मद समेत कई अल्पसंख्यकों ने अपनी पीड़ा सांझा की है। उनकी आपबीती इतनी भयावह है कि उन्हें सुन लोगों के आंसू तक छलक सकते हैं।
अमेरिका में छलका पूर्व क्रिकेटर Danish Kaneria
अमेरिकी कांग्रेस की एक ब्रीफिंग में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने अपनी आपबीती सांझा की है। उनका कहना है कि “हमें वहां कई तरह के भेदभाव से गुजरना पड़ता है। हमने इन सभी चीजों के खिलाफ आवाज उठाई। मेरे साथ भी ऐसी चीजें हुई हैं। मुझ पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया। मेरा करियर बर्बाद हो गया और मुझे पाकिस्तान में समान सम्मान नहीं मिला। इसलिए हम यहां अमेरिका में हैं। हम सिर्फ जागरूकता फैलाना चाहते थे।”
Danish Kaneria के अलावा असरा नोमानी ने कहा कि “मैंने कराची, पाकिस्तान की सड़कों पर सांप्रदायिकता के दुखद प्रभाव को देखा, जो बहुत से अल्पसंख्यकों पर अपना दबदबा बना रही है। मेरे मित्र और सहकर्मी, डैनियल पर्ल, वहीं पत्रकार थे, जिनका 2002 में अपहरण कर लिया गया और फिर उनका सिर काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए। पाकिस्तान में बहुत से अल्पसंख्यकों को समान नागरिक होने के अधिकार और स्वतंत्रता नहीं दी जाती।”
कांग्रेस की ब्रीफिंग में शिया मुस्लिम ज़ेबा मोहम्मद ने कहा कि “हम यहां पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए एक साथ हैं, जो अल्पसंख्यक धर्म पर दबाव डाल रही है। इसके साथ ही उन लोगों के खिलाफ भी जिनकी कोई आवाज नहीं है, और विशेष रूप से हम उन महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं जो पाकिस्तान में पीड़ित हैं। एक ऐसा देश जो अल्पसंख्यक धर्म के खिलाफ़ महिलाओं पर दबाव डाल रहा है। इसलिए, हम यहाँ उनके बारे में बोलने और उनकी आवाज़ उठाने के लिए हैं।”
Pakistan में अल्पसंख्यकों की वर्तमान दशा
धार्मिक कट्टरता से जूझ रहा पाकिस्तान आर्थिक तंगी के मुहाने पर खड़ा है। खाने को भले ही पैसे नहीं है, लेकिन दूसरे धर्म के प्रति नफरत का भाव खूब है। स्थिति ये है कि इसाई, हिंदू, जैन, शिया मुसलमान, बलूच आदि समेत अन्य कई अल्पसंख्यक वर्गों पर पाकिस्तानी खूब कहर बरपाते हैं। जबरन धर्मांतरण, हिंसा, यौन उत्पीड़न, शोषण आदि के मामले भी अल्पसंख्यकों के साथ ही होते हैं। यही वजह है कि Pakistan छोड़ चुके Danish Kaneria समेत अन्य कई अल्पसंख्यक वर्ग के लोग खुलकर इस मुल्क की मुखालफत करते हैं और इस अहम मुद्दे को उठाते हैं।