Donald Trump: मुद्दा भले ही ईरान है, लेकिन जुबानी जंग अमेरिका में छिड़ी है। दरअसल, ईरानी न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाने का दावा करने वाले प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप खुद ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी के सामने हैं। डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि अमेरिकी हमलों के बाद ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। वहीं US खुफिया एजेंसी पहले ही इस तरह के किसी दावे से कतरा चुकी है। यही वजह है कि परमाणु ठिकाने पर हमले को लेकर Donald Trump और खुफिया एजेंसी आमने-सामने हैं। अमेरिका अब फ्रंटफुट से कतरा रहा है और ईरानी Nuclear Sites पर हमला करने को लेकर बदल-बदल के दावे कर रहा है। ऐसे में आइए हम आपको ईरान के परमाणु स्थल पर दावे और प्रतिदावे को लेकर विस्तार से बताते हैं।
परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने से जुड़े दावे पर Donald Trump का दावा!
सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को गलत बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्रंप ने बड़ा दाावा किया है। प्रेसिडेंट ट्रंप के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “फर्जी खबर सी.एन.एन. असफल न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। टाइम्स और सी.एन.एन. दोनों को जनता द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।” Donald Trump का साफ कहना है कि अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। यही वजह है कि खुफिया एजेंसी और अमेरिकी राष्ट्रपति के आमने-सामने आने की बात कही जा रही है।
हमले को लेकर फ्रंटफुट पर आने से कतरा रही अमेरिकी खुफिया एजेंसी!
प्रेसिडेंट ट्रंप चाहें जो दावा कर लें, लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने ईरानी परमाणु ठिकाने को निशाना बनाए जाने के संबंध में बड़ी बात कह दी है। खुफिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक से ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह समाप्त नहीं हुई, केवल कुछ महीनों के लिए धीमी हुई है। वही Donald Trump ठीक इससे उलट दावा करते हुए सब तहस-नहस करने की बात कर रहे हैं। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और खुफिया एजेंसी के आमने-सामने आने की बात कही जा रही है।