Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच-बीच ऐसी घोषणा कर देते है, जिससे पूरी दुनिया में हड़कंप मच जाता है। पहले ट्रैरिफ बम फोड़ा और अब दवाइयों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि इससे भारत को ज्यादा नुकासान हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि फार्मास्युटिकल उत्पादों के भारत अमेरिका के लिए सबसे बड़ा निर्यातक है। जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष , वित्त वर्ष 2024 में, भारत के कुल $27.9 बिलियन मूल्य के फार्मा निर्यात में से 31 प्रतिशत या $8.7 बिलियन अमेरिका गया था। अब सबसे बड़ा सवाल कि भारत पर इसका कितना असर पड़ने वाला है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
Donald Trump दवाइयों पर क्यों लगाया 100 प्रतिशत टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति कुछ-कुछ दिनों के अंतराल पर ऐसा कुछ ऐलान कर देते है, जिससे पूरी दुनिया में हड़कंप मच जाता है। इसी बीच ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर लिखा कि “1 अक्टूबर 2025 से, हम किसी भी ब्रांडेड या पेटेंट फार्मास्युटिकल उत्पाद पर 100% टैरिफ लगाएंगे, जब तक कि वह कंपनी अमेरिका में अपना फार्मास्युटिकल बनाने वाली फैक्ट्री नहीं बना रही हो, “निर्माण हो रहा है” को “ब्रेकिंग ग्राउंड” और/या “निर्माणाधीन” के रूप में परिभाषित किया जाएगा।

इसलिए, यदि निर्माण शुरू हो गया है तो इन फार्मास्युटिकल उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं होगा। इस बात की ओर आपका ध्यान के लिए धन्यवाद!” माना जा रहा ट्रंप अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिया है। हालांकि माना जा रहा है कि इससे कई देशों को नुकसान होने की उम्मीद है, जिसमे भारत भी शामिल है।
फार्मास्युटिकल उत्पाद पर 100% टैरिफ से क्या भारत को होगा नुकसान?
मालूम हो कि फार्मास्युटिकल उत्पादों के भारत अमेरिका के लिए सबसे बड़ा निर्यातक है। यही कारण है कि भारत के लिए यह फैसला सबसे ज्यादा चिंता का विषय बना हुआ है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया, ताकि भारत को इसका नुकसान हो। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 45 प्रतिशत से अधिक जेनेरिक और 15 प्रतिशत बायोसिमिलर दवाओं की आपूर्ति भारत करता है। यानि यह कहना गलत नहीं होगा की भारत पर इसका असर पड़ना लाजमी है।
उदहारण के तौर पर अमेरिका में जो दवाई 50 रूपये की मिलती थी, अब वजह 100 रूपये की हो जाएगी। इसके अलावा डॉ रेड्डीज, अरबिंदो फार्मा, जाइडस लाइफसाइंसेज, सन फार्मा और ग्लैंड फार्मा जैसी कंपनियां कथित तौर पर अमेरिका बाजार में राजस्व 30-50 प्रतिशत है। यही कारण है कि इस टैरिफ से फार्मा कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है। हालांकि भारत की सरकार की तरफ से अभी तक इसे लेकर किसी प्रकार की जानकारी सामने नहीं आई है।