मंगलवार, सितम्बर 30, 2025
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‘भारत अब रूस से तेल नहीं…’ अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के बयान से मचा हड़कंप; जानें दावे की असल सच्चाई

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Donald Trump: भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना लगाने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को लेकर एक नया खुलासा कर रहे है। गौरतलब है कि टैरिफ लगाने के वक्त ट्रंप ने कहा था कि वह भारत पर 25 प्रतिशत और टैरिफ इसकी लगा रहे है क्योंकि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। वहीं अब ट्रंप ने भारत को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। गौरतलब है कि Donald Trump के इस बयान से हड़कंप मच गया है। वहीं कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। चलिए आपको बताते है कि क्या है डोनाल्ड ट्रंप के दावे की सच्चाई।

Donald Trump के दावे से मचा हड़कंप

बता दें कि अमेरिका राष्ट्रपति Donald Trump ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए Donald Trump ने कहा कि “मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं।

यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है। यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एएनआई द्वारा पूछे गए एक सवाल पर कही, जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या उनके मन में जुर्माने की कोई संख्या है और क्या वह प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे”। हालांकि ट्रंप ने इसके लेकर दावा तो नहीं किया है। वहीं भारत की तरफ से ट्रंप के इस दावे को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

डोनाल्ड ट्रंप के दावे की क्या है असल सच्चाई?

गौरतलब है कि Donald Trump के दावे ने हड़कंप मचा दिया है।

हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक भारतीय तेल रिफाइनरियाँ रूसी आपूर्तिकर्ताओं से तेल प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। उनके आपूर्ति संबंधी निर्णय कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों द्वारा निर्देशित होते हैं।

भारत 85% कच्चे तेल के आयात पर निर्भर

मालूम हो कि इस चुनौतीपूर्ण माहौल में, भारत, जो 85% कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है, ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पूरी तरह से पालन करते हुए किफायती ऊर्जा हासिल करने के लिए रणनीतिक रूप से अपने स्रोतों को अनुकूलित किया है।

रूसी तेल पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही अमेरिका या यूरोपीय संघ ने इसे अभी तक प्रतिबंधित किया है। भारतीय तेल विपणन कंपनियाँ ईरान या वेनेजुएला से कच्चा तेल नहीं खरीद रही हैं, जिन पर वास्तव में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। तेल विपणन कंपनियाँ हमेशा अमेरिका द्वारा अनुशंसित रूसी तेल के लिए 60 डॉलर की मूल्य सीमा का पालन करती रही हैं।

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