Monday, December 9, 2024
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Donald Trump की जीत के बाद Middle East में खलबली! Russia-Ukraine War, Canada Temple Violence पर America का रूख अब क्या?

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Donald Trump: रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनावी जीत दर्ज करने के बाद एक के बाद एक सधी चाल चल रहे हैं। उनका हर निर्णय नाप-तौल कर लिए निर्णय के समान प्रतीत हो रहा है।

Donald Trump: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2024) का नतीजा अब लगभग स्पष्ट हो चुका है। रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा (Florida) में अपनी जीत का ऐलान भी कर दिया है। ट्रंप (Donald Trump) की सत्ता में वापसी की आहट मिलने के साथ ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खलबली मची है। मिडिल इस्ट (Middle East) उनमें से एक है। दरअसल मिडिल इस्ट इन दिनों जंग की चपेट में है जहां इजराइल और ईरान के बीच आस्तित्व की जंग छिड़ी है। ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से इजराइल-ईरान (Israel-Iran Conflict) जंग पर क्या असर पड़ेगा?

मिडिल इस्ट के अलावा दुनिया के अलग-अलग देश भी हिंसा की दौर से गुजरे हैं। इसमें हालिया घटना कनाडा के ब्रैम्पटन (Brampton) में हुई जहां हिंदू सभा मंदिर (Canada Temple Violence) पर खालिस्तानियों द्वारा निशाना साधा गया। वहीं बांग्लादेश (Bangladesh) भी अल्पसंख्यक हिंदुओं पर निशाना साधा गया। इसके अलावा रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच भी वर्षों से जंग की दास्तां छिड़ी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि डेमोक्रेट बाइडेन (Joe Biden) की विदाई और ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिका का रूख इन मुद्दों पर आगे कैसा रहेगा?

Russia-Ukraine War पर Donald Trump का क्या हो सकता है रूख?

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) कब क्या करते हैं इसका अंदाजा लगाना बड़ा मुश्किल होता है। हालंकि, उनके पुराने बयानों को खंगालेंगे तो वे युद्ध पर विराम लगाने के पक्षधर रहे हैं। ट्रंप पहले भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की से कह चुके हैं कि वे युद्ध रोकना चाहते हैं। उन्होंने पहले कहा था कि वे जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) से कहेंगे कि वो समझौता करें वरना अमेरिका (America) उन्हें सहायता रोक देगा।”

ट्रंप ने रूस (Russia) को भी समझौता करने का सलाह दिया था। उन्होंने यूक्रेन के साथ रुसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) को इशारों-इशारों में कहा था कि “वो समझौता कर लें, नहीं तो अमेरिका यूक्रेन को पहले से भी अधिक सहायता देना शुरू कर देगा।” डोनाल्ड ट्रंप के पुराने बयानों के हिसाब से देखें तो वे युद्ध विराम के समर्थन रहे हैं। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि आगामी समय में अमेरिका रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच छिड़ी जंग को रोकने के लिए प्रयासरत नजर आ सकता है।

Donald Trump की जीत से Middle East में क्यों मची खलबली?

रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता वापसी इजराइल और पीएम नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल ट्रंप, ईरान के लिए सख्त रूख रखते नजर आते हैं। अक्टूबर के शुरुआत में उन्होंने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि “इजराइल को पहले ईरानी परमाणु पर हमला करना चाहिए और बाकी के बारे में बाद में चिंता करनी चाहिए।”

ट्रंप (Donald Trump) इससे पहले ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का पूरी तरह से समर्थन करते नजर आ चुके हैं। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि उनकी वापसी से इजराइल का पलड़ा भारी होगा और मिडिल इस्ट में संघर्ष का एक नया दौर देखने को मिल सकता है।

ट्रंप ने की थी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए हमलों की निंदा

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं पर निशाना साधा गया। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इस हमले की निंदा की थी। उन्होंने 31 अक्टूबर को एक पोस्ट जारी कर कहा था कि “मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। इन पर भीड़ द्वारा हमला और लूटपाट किया जाना पूरी तरह से अराजकता है।”

उन्होंने कहा था कि “हम कट्टरपंथी वामपंथ के धर्म विरोधी एजेंडे के खिलाफ हिंदू अमेरिकियों की भी रक्षा करेंगे। हम आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। मेरे प्रशासन के तहत, हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मजबूत करेंगे।” ट्रंप की ओर से पहले ही दिए गए इस संकेत से साफ है कि वे कट्टरपंथ के खिलाफ मजबूती से खड़े नजर आएंगे और हितों की रक्षा करेंगे।

Canada Temple Violence और खालिस्तानी उग्रवाद पर अमेरिका का रूख क्या?

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की दोस्ती बेहद अच्छी है। यही वजह है भारत को ट्रंप का साथ सदैव मिलता रहा है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि ट्रंप की वापसी से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक मजबूत साथी मिलेगा। इसके अलावा अमेरिका पर कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद के जड़ पर भी प्रहार करता नजर आ सकता है। ताकि वहां दोबारा किसी मंदिर पर हमला न हो जैसे कुछ जिन पहले हिंदू सभा मंदिर पर हुआ था।

PM Narendra Modi ने डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई दी है। पीएम मोदी के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “इस ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई मेरे दोस्त। मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए उत्सुक हूं। आइए, मिलकर अपने लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें।”

Gaurav Dixit
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गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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