India US Trade Deal: भारत पर तगड़ी टैरिफ लगाने के बाद अमेरिकी बाजार में भी उथल-पुथल की स्थिति है। ये तो तय है कि इंडिया यूएस ट्रेड डील पर बात नहीं बन पाना, भारत के लिए थोड़ा असहज करने वाला है। इससे इतर अमेरिकी टैरिफ का भारत पर लागू होना उनके लिए भी प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर सकता है। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप के अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने से जुड़े सवाल उठ रहे हैं। India US Trade Deal जिस दिशा में गतिमान है, उसके मुताबिक भारत पर 25 फीसदी टैरिफ आज यानी 1 अगस्त से लागू हो जाएगी। ऐसे में इसका प्रतिकूल असर अमेरिकी घरेलू बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने के आसार भी हैं। आइए हम आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं, ताकि जानकारी हासिल करने में मदद मिल सके।
भारत पर तगड़ी टैरिफ लगाकर कैसे प्रभावित होगा अमेरिका?
इसके कई पहलु हैं जिन्हें बारी-बारी से समझने की जरूरत है।
1- भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगने से उनकी लागत बढ़ जाएगी जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी ग्राहकों के लिए कपड़ा, आभूषण और ऑटो पार्ट्स के उत्पाद अधिक महंगे हो सकते हैं।
2- वो अमेरिकी व्यवसाय जो उत्पादों के लिए भारतीय सामग्रियों पर निर्भर रहते हैं। बढ़ती टैरिफ उनकी लागत बढ़ा सकती है, जिसका प्रतिकूल असर घरेलू बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने के आसार हैं।
3- टैरिफ की मार से अमेरिका में सप्लाई चैन प्रभावित होने के आसार हैं जिसका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ेगा।
4- यदि भारत टैरिफ के साथ जवाबी कार्रवाई करता है, तो भारत को निर्यात करने वाली अमेरिकी कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
5- भारत पर लागू 25 फीसदी की टैरिफ अमेरिकी निर्यात में कमी ला सकती है। भारत के खरीद रणनीति में बदलाव से US बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
6- भारत पर टैरिफ की मार व्यापार युद्ध की संभावना को रफ्तार दे सकती है। इससे वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के आसार हैं।
भारत में किन सेक्टर्स को प्रभावित कर सकती है अमेरिकी टैरिफ?
अमेरिकी टैरिफ की घोषणा भारतीय बाजार को प्रभावित कर सकती है। तमाम अर्थशास्त्रियों के इस पर अलग-अलग मत हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि अमेरिकी टैरिफ से सबसे ज्यादा असर श्रम-प्रधान उद्योगों पर पड़ सकता है। इसमें कपड़ा-परिधान, रत्न-आभूषण, हस्तशिल्प, कालीन, फुटवियर, दवा-फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे श्रम-प्रधान उद्योग शामिल हैं।