Israel Iran War: मिडिल ईस्ट में समीकरण बेहद तेजी से बदलता नजर आ रहा है। अमेरिका की दखल और डोनाल्ड ट्रंप के अनौपचारिक सीजफायर अनाउंसमेंट के बाद भी खामेनई सेना खामोश होने का नाम नहीं ले रही है। इसकी बानगी इजरायल ने देख ली है। दरअसल, ईरान ने फिर इजरायल में मिसाइल दागे गए हैं। इजरायल ईरान वॉर के बीच इसे बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि सीजफायर अनाउंसमेंट पीएम नेतन्याहू के लिए बड़ा सेटबैक है। जहां एक और Donald Trump इजरायल का पक्ष रखते हुए सीजफायर की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर अली खामेनेई मजबूती से अपने दुश्मनों को जवाब देने की जिद लिए बैठे हैं। Israel Iran War के बीच खामेनेई सेना का यह हौसला अब पूरे मिडिल ईस्ट में चर्चा का विषय बन गया है। खाड़ी देशों में ईरानी प्रभुत्व की चर्चा भी तेज हो गई है।
Donald Trump की एकतरफा युद्ध विराम घोषणा के बाद खामेनेई सेना का अटैक!
प्रेसिडेंट ट्रंप ने बगैर किसी लाग लपेट के अनौपचारिक सीजफायर का ऐलान कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि इजरायल और ईरान सीजफायर को तैयार हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ऐलान के ठीक बाद ही खामेनेई सेना ने मजबूत संदेश देने की कोशिश की है। ईरान की ओर से Israel Iran War के बीच तेल अवीव समेत इजरायल के अन्य कई हिस्सों में मिसाइल दागे गए हैं। इसकी पुष्टि इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) की ओर से की गई है। यह दर्शाता है कि ईरान Donald Trump के निर्देशों से उलट इजरायल ईरान वॉर को नई दिशा देने देने के लिए प्रयासरत है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि जंग के इस दौर में नेतन्याहू सेना अब ईरानी आर्मी को कैसे जवाब देती है।
क्या Israel Iran War के बीच PM Netanyahu के लिए बड़ा सेटबैक?
प्रभुत्व के इस जंग में अमेरिका की दखल इजरायली सेना के लिए बड़ा सेटबैक माना जा रहा है। अली खामेनेई तो सीना ताने अपने दुश्मनों के खिलाफ लड़ते नजर आ रहे हैं। इजरायल ईरान वॉर के बीच खामेनेई ने कहा है कि “जो ईरानी लोगों का इतिहास जानते हैं, वे जानते हैं ईरान आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है।” ये दर्शाता है कि ईरान सरेंडर को कहीं से भी तैयार नहीं है। वहीं अमेरिका की दखल और प्रेसिडेंट ट्रंप द्वारा अनौपचारिक सीजफायर का ऐलान करना PM Netanyahu के लिए बड़ा सेटबैक माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि Israel Iran War के इस दौर में अली खामेनेई का फ्रंटफुट पर रहना और प्रेसिडेंट ट्रंप की दखल, पीएम नेतन्याहू के पक्ष को कमजोर कर रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि IDF कैसे ईरानी सेना का सामना करती है और युद्ध में अपनी स्थिति मजबूत रखती है।