Israel Iran War: समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है और अब बात आर-पार की है। यहां बात मिडिल ईस्ट में छिड़े इजरायल ईरान वॉर संदर्भ में हो रही है। दरअसल, पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि अली खामेनेई का अंत ही इजरायल और ईरान के बीच चली आ रही लंबी अदावत को खत्म कर सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि कई ईरानी कमांडर्स को निशाना बना चुकी Mossad क्या अब अली खामेनेई का अंत करेगी? यदि ऐसा हुआ तो फिर Israel Iran War के बाद ईरानी सत्ता की बागडोर किसके हाथों लगेगी? ये कुछ सवाल हैं जो मिडिल ईस्ट में बदलते समीकरण के बीच तेजी से उठ रहे हैं। ऐसे में आइए इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं और साथ ही अली खामेनेई के उत्तराधिकारी की खोज करते हैं।
शिया नेता अली खामेनेई के बाद कौन संभालेगा ईरानी सत्ता की बागडोर?
इस सवाल का पुख्ता जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। पर ये तय है कि यदि इजरायली हमलों में अली खामेनेई का अंत होता है, तो सत्ता की बागडोर संभालने के लिए संघर्ष का एक नया दौर छिड़ सकता है। इसमें प्रमुख रूप से तीन, चार नाम हैं जो शिया नेता अली खामेनेई के बाद ईरानी सत्ता की बागडोर संभालने के प्रबल दावेदार हैं। Israel Iran War के बीच मोजतबा खामेनेई (अयातुल्ला खामेनेई के दूसरे बेटे), अलीरेजा अराफी (खामेनेई के भरोसेमंद सहयोगी), अली असगर हेजाजी (ईरानी सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ) और मोहम्मद गोलपायेगनी (ईरानी चीफ ऑफ स्टाफ) के नाम चर्चाओं मे हैं। यदि इजरायल ईरान वॉर के बीच खामेनेई को मोसाद ने निशाना बनाया, तो इन्हीं नामों में से कोई चेहरा ईरानी सत्ता की बागडोर संभालते नजर आ सकता है। फिलहाल सत्ता शिया नेता खामेनेई के हाथ में है और वे अपनी नीतियों से चला रहे हैं।
अली खामेनेई का अंत क्या Israel Iran War पर लगाएगा रोक?
याद कीजिए कैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अली खामेनेई को आसान टार्गेट बताते हुए कहा था कि वे जब चाहें उन्हें मार सकता है। वहीं पीएम नेतन्याहू भी साफ तौर पर ऐलान कर चुके हैं कि अली खामेनेई का अंत ही इजरायल ईरान वॉर पर रोक लगाएगा। ऐसे में ये साफ है कि मोसाद अब अली खामेनेई को निशाना बनाने के लिए तुल गई है। दावा किया जा रहा है कि तेहरान में कोहराम मचा रही IDF कभी भी Israel Iran War में नया मोड़ ला सकती है और उसका निशाना खामेनेई हो सकते हैं। हालांकि, ये एक कयास मात्र है और युद्ध में कब और कैसे समीकरण बदल जाए इसके बारे में पुख्ता रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। फिलहाल सबकी निगाहें मिडिल ईस्ट में बदलते समीकरण पर हैं और सभी अंतिम परिणाम की ओर आश भरी निगाह लगाए बैठे हैं।