Asim Munir: अपनी हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाली पाकिस्तानी सेना की क्लास उसी मुल्क में लगाई जा रही है। चहुंओर बेइज्जत हो रही मुनीर सेना पर पाकिस्तानी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के चीफ तिलमिला उठे हैं। पश्तून मौलाना फजलुर रहमान ने आसिम मुनीर को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तानी सेना की खूब आलोचना की है। मौलाना रहमान ने अफगानियों के प्रति मुनीर सेना के रुख को गैर-इस्लामी बताया है।
मौलाना का कहना है कि आसिम मुनीर को लड़ाई करने में दिलचस्पी रखने के बजाय अंदरखाने पनप रहे आतंकवाद, आर्थिक संकट और शासन व्यवस्था की स्थिरता पर ध्यान आकर्षित करना चाहिए। पाकिस्तान के भीतर से सेना के खिलाफ उठ रही आवाज साफ तौर पर दर्शाती है आसिम मुनीर की सेना युद्ध करने की स्थिति में नही है। हालांकि, दिवालियापन के दंश या अन्य दबाव के कारण पड़ोसी मुल्क सबके लिए चिंता का सबब बनने का काम करता है।
पाकिस्तानी मौलाना ने खोली आर्मी चीफ Asim Munir की पोल
पड़ोसी मुल्क में अंदरखाने आसिम मुनीर के खिलाफ आवाज उठने का सिलसिला जारी है। आलम ये है कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम भी सेना के खिलाफ झंडे गाड़ रहा है। पाकिस्तानी मौलाना फजलुर रहमान ने इसी क्रम में आसिम मुनीर को मुल्क के भीतर की स्थिति नियंत्रित करने की नसीहत दी है। उनका कहना है कि बेवजह लड़ाई करने से अच्छा है आर्थिक संकट और अंदरखाने अस्थिरता को नियंत्रित किया जाए। आसिम मुनीर कुछ ऐसा करें कि पाकिस्तानी आवाम सेना से खौफ खाने के बजाय खुद को सुरक्षित महसूस करे।
इतना ही नहीं, मौलाना रहमान ने आसिम मुनीर की सेना के रुख को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। मौलाना का कहना है कि अफगानिस्तान के प्रति पाकिस्तानी सेना का रुख गैर-इस्लामी और राजनीतिक रूप से आत्मघाती है। मुनीर सेना को इस रुख से परहेज करना चाहिए। मौलाना फजलुर की ये प्रतिक्रिया दर्शाती है कि कैसे आसिम मुनीर, पीएम शहबाज और ख्वाजा आसिफ समेत अन्य जिम्मेदार लोग अपनी ही मुल्क में घिर रहे हैं।
पाकिस्तान की बदहाल स्थिति की वजह क्या?
इस सवाल का जवाब सब अपने-अपने तर्क के आधार पर दे सकते हैं। दरअसल, पाकिस्तान के भीतर बेरोजगारी, भूखमरी, आर्थिक तंगी ऐसे कारण है जिनसे ध्यान भटकाने के लिए सेना आए दिनों युद्ध को प्राथमिकता देती है। पूर्व में भारत के खिलाफ हुई जंग हो या वर्तमान में अफगानियों पर मुनीर सेना का रुख। ये सब पाकिस्तान में अंदरखाने उपज रही असंतोष को दबाने की दिशा में किया जाता है। एक अन्य प्रमुख कारण पाकिस्तान द्वारा दिवालियापन का दंश झेलना भी है जिसके दबाव में आकर आसिम मुनीर आए दिनों युद्ध के मैदान में कूदकर धूल चाटने का काम करते हैं और अपने मुल्क की फजीहत कराते हैं।






