Mehul Choksi: 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड Tahawwur Rana अमेरिका से भारत वापस आ चुका है, वहीं अब एक और बड़ी खबर सामने आ रही है, दरअसल पंजाब नेशनल बैंक लोन फ्रॉड के आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि Mehul Choksi पर करीब 14000 रूपये के लोन घोटाले में शामिल होने का आरोप है, मेहुल चोकसी 2018 में ही भारत छोड़कर विदेश भाग गया था। हालांकि अब खबर यह सामने आ रही है कि Belgium पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार कर लिया है। वहींं अब माना जा रहा है कि जल्द केंद्र सरकार बेल्जियम सरकार से उसे वापस लाने की मांग कर सकती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि दुनिया में अब भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है।
दुनिया में भारत का ताकत देख घबराएं कई देश
बता दें कि अभी हाल ही में 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड Tahawwur Rana अमेरिका से वापस लाया गया है, वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि Mehul Choksi की गिरफ्तारी के बाद अब उसे भी लाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। वहीं भारत की बढ़ती साख के देख पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई देश घबरा गए है। हालांकि अब देखना होगा कि मेहुल चोकसी की भारत वापसी में कितना समय लग सकता है।
Belgium पुलिस ने Mehul Choksi को किया गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक पीएनबी घोटाले का आरोपी Mehul Choksi को Belgium पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बाद भारत जांच एजेंसियों ने कमर कस ली है, जिसके बाद अब जल्द भारत सरकार, बेल्जियम सरकार से जल्द मेहुल चोकसी को भारत लाने की अनुमित मांग सकता है। हालांकि एक्सपर्टस का मानना यह इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, जिसे देखते हुए भारतीय जांच एजेंसियां लगातार वहां की सरकार से बातचीत में लगी हुई है, ताकि सारी कानूनी प्रक्रिया का पालन करके चोकसी को भारत वापस लाया जा सकता है।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर क्या बोले उनके वकील
भगोड़े Mehul Choksi के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियों द्वारा दबाव डाले जाने पर उनके वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि “कोई दबाव नहीं है। यह एक प्रक्रिया है। 2018 से उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। प्रत्यर्पण के लिए यह एक शर्त है कि एक ओपन-एंडेड गैर-जमानती वारंट होना चाहिए।
इससे पहले, उन्होंने उसे डोमिनिका से लेने की कोशिश की, जहां वे असफल रहे। तो फिर डोमिनिकन कोर्ट के आदेश से, मेरे मुवक्किल का इलाज एंटीगुआ में हो रहा था। अपने इलाज के लिए, उसे बेल्जियम जाना पड़ा और वह वहां कैंसर का इलाज करवा रहा था। यह किसी भी देश की प्रक्रिया है। मुझे नहीं लगता कि प्रत्यर्पण इतनी आसानी से किया जा सकता है, खासकर भंडारी के फैसले के बाद।” हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि भारत इसको कैसे डील करता है।