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ना अंदर, ना बाहर! Muhammad Yunus से नहीं संभल रहा बांग्लादेश, भारत की तल्ख फटकार के बाद अमेरिका ने भी फोड़ा टैरिफ बम; अब होगा खेला

भारत से मिली फटकार के बाद अमेरिका ने भी Muhammad Yunus के शासन वाले बांग्लादेश पर टैरिफ बम फोड़ा है। अंदर से लेकर बाहर तक हर मोर्चे पर बांग्लादेश को बर्बाद करने वाले मोहम्मद यूनुस के लिए अमेरिका का कदम बड़े झटके के समान है।

Muhammad Yunus
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Muhammad Yunus: कट्टरवाद की भेंट चढ़ रहे बांग्लादेश की स्थिति गंभीर है। यहां की अंतरिम सरकार अंदरखाने से लेकर बाहरी मोर्चे तक पर पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में जहां एक ओर अंदरखाने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर बांग्लादेस सैन्य और व्यापारिक मोर्चे पर पूरी तरह से बर्बाद हुआ है। ये दर्शाता है कि Muhammad Yunus से अब बांग्लादेश नहीं संभल रहा है और अंदर से लेकर बाहर तक सारी गतिविधियां नियंत्रण से बाहर हैं। इसी बीच भारत से मिली कड़ी फटकार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप ने भी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को आड़े हाथों लिया है। अमेरिका ने बांग्लादेश और सर्बिया समेत दर्जनों देशों पर टैरिफ बम फोड़ते हुए बड़ा ऐलान किया है। Bangladesh में अंदरखाने अब और बड़ा खेला होने और व्यापार बर्बाद होने की तस्वीर देखी जा सकती है।

भारत की तल्ख फटकार के बाद अमेरिका ने भी बांग्लादेश पर फोड़ा टैरिफ बम!

नए समीकरण को साधते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश पर टैरिफ बम फोड़ा है। प्रेसिडेंट ट्रंप के ऐलान के मुताबिक बांग्लादेश समेत अन्य दर्जनों देशों पर 1 अगस्त से टैरिफ की नई दरे लागू होंगी। मोहम्मद यूनुस को आड़े हाथों लेते हुए अमेरिका ने 35 फीसदी का टैरिफ ठोक दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि अगर Muhammad Yunus की अंतरिम सरकार अमेरिकी सामानों पर टैरिफ बढ़ाएगी, तो अमेरिका भी टैरिफ की दर और बढ़ा देगा। अमेरिका की ओर से ये फैसला तब लिया गया है, जब हाल ही में ढ़ाका में एक हिंदू महिला के साथ जघन्यता और दूसरे प्रकरण में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर भारत सरकार ने बांग्लादेश को लताड़ा था। इसके ठीक बाद ही अमेरिका ने भी अंतरिम सरकार को घेरते हुए तगड़ी टैरिफ ठोकने का काम किया है।

कट्टरपंथी Muhammad Yunus से नहीं संभल रहा बांग्लादेश!

आंकड़े और ताजा घटनाक्रम इस बात की गवाही देते हैं। सबसे पहले यदि बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति को देखें तो अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार का बढ़ना मोहम्मद यूनुस की विफलता को दर्शाता है। अगस्त 2024 में शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। इससे इतर Muhammad Yunus की अंतरिम सरकार और बांग्लादेशी सेना का आमने-सामने आना भी कई मोर्चों पर कट्टरपंथी मानसिकता की पुष्टि करता है। बांग्लादेशी सेना प्रमुख खुद मोहम्मद यूनुस को सेना से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप ना करने की सलाह दे चुके हैं, जो खट-पट का संकेत है।

व्यापारिक मोर्चे पर देखें तो शेख हसीना ने जिस बांग्लादेश को एक नई ऊंचाई दी थी उसका बंटाधार Muhammad Yunus ने किया। आलम ये है कि आज बांग्लादेश की मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। निवेश के मामले में बांग्लादेश बहुत पीछे खड़ा है। बांग्लादेशी आवाम भी जॉम्बी की तर्ज पर जहां-तहां हमले और प्रदर्शन करते देखी जा रही है, जो मोहम्मद यूनुस की निरंकुश कार्यशैली को दर्शाता है। ये सारे वाकये इस बात की पुष्टि करते हैं कि बांग्लादेश पर अंतरिम सरकार का किसी भी तरह से नियंत्रण नहीं है।

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