Pakistan Flood: अपने ही बिछाए जाल में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बुरी तरह से फंसता नजर आ रहा है। मानसून की आमद के साथ पाकिस्तान पर बाढ़ का खतरा और तेजी से मंडराने लगा है। दरअसल, चेनाब नदी उफान पर है और भूखमरी, कंगाली की मार झेल रहे पड़ोसी मुल्क के लिए नई चुनौती पेश कर रही है। पाकिस्तान फ्लड की आशंका पर ताजा हालात ये है कि सलाल बांध के मुख्य द्वार खोल दिए गए हैं। इससे पानी की तेज धारा तेजी से पाकिस्तान की ओर बढ़ रही है। दावा किया जा रहा है कि यदि सिंधु जल संधि प्रभाव में होती, तो शायद Pakistan Flood की चर्चा आज नहीं होती। एक जल संधि से चेनाब नदी का पानी बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता था। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले ने सारा खेल बदल दिया और पड़ोसी मुल्क अब अपने ही बिछाए जाल में बुरा फंस गया है।
चेनाब नदी के उफान पर आने से बढ़ी Pakistan Flood की आशंका!
दरअसल, पहले की स्थिति अलग थी और इसका कारण था भारत-पाकिस्तान के बीच वर्षों से चला आ रहा सिंधु जल संधि। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद जल संधि टूटी और समझौता अप्रभावित हो गया। इसका असर ये है कि चेनाब नदी उफान पर है और उग्र धारा में पानी का सैलाब पाकिस्तान फ्लड की आशंका को बढ़ा रहा है। पड़ोसी मुल्क कंगाली और भूखमरी की मार झेल रहा है। ऐसी स्थिति में चेनाब के रौद्र रूप ने बाढ़ ला दिया, तो आलम क्या होगा ये सोचकर रुह कांप जाती है। Pakistan Flood की आशंका तब और तेज हो जा रही है, जब जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों में भारी वर्षा हो रही है। इससे चेनाब, झेलम और सिंधु नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और बाढ़ की आशंका को तेज कर रहा है। इसी फेहरिस्त में सलाल डैम का मुख्य द्वार खोलना पड़ोसी मुल्क को भारी पड़ सकता है।
भूखमरी और कंगाली की मार झेल रहा पाकिस्तान फ्लड से कैसे निपटेगा?
इसका सवाल भविष्य के गर्भ में है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि यदि पाकिस्तान में बाढ़ के हालात और बढ़े, तो आवाम दो वक्त की रोटी के लिए तरसेगी। Pakistan Flood की स्थिति से पहले ही भूखमरी और कंगाली की मार झेलने वाला मुल्क है। वजीरिस्तान से बलूचिस्तान, इस्लामाबाद, रावलपिंडी तक तबाही का नमूना पहले भी देखा जा चुका है। ऐसी स्थिति में यदि पाकिस्तान फ्लड की मार का सामना करता है, तो पीएम शहबाज शरीफ के साथ अन्य हुक्मरानों की चुनौतियां बढ़ेंगी। ऐसी स्थिति में भूखमरी का संकट और तेजी से बढ़ सकता है और स्थिति दयनीय हो सकती है।