Pakistan Fuel Price: पाकिस्तान सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमतों में कम से कम 3.5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी का फैसला जनता के बीच गहरी नाराजगी का कारण बन गया है। महंगाई और आर्थिक संकट का सामना कर रहे लोग बढ़ती ईंधन कीमतों से अपना खर्च संभालने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। पाकिस्तान में ईंधन की बढ़ती कीमतें आम नागरिकों के लिए बड़ी चिंता बन गई हैं।
Pakistan Fuel Price में बढ़ोतरी का विवरण
वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव का हवाला देते हुए, संघीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव के अनुसार, पेट्रोल 3.5 रुपए प्रति लीटर, लाइट डीजल 5 रुपए प्रति लीटर और केरोसिन तेल 6 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से महंग हुआ है। Pakistan Fuel Price में इजाफा का यह प्रस्ताव ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (OGRA) को समीक्षा के लिए सौंपा गया है। इसे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। नई ईंधन दरें 16 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेंगी।
बता दें कि जनवरी 2025 में यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 1 जनवरी को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 0.56 और 2.96 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी।
महंगाई की मार से परेशान हुई पाकिस्तानी आवाम
जनता महंगाई की मार से परेशान है। लोगों का कहना है कि ‘हम हर बार परेशान होते हैं, लेकिन सरकार हमारी अनदेखी करती है।’ पाकिस्तान में बार-बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से लोग बेहद परेशान हैं। कई लोग अपने घरेलू बजट को संभालने में संघर्ष कर रहे हैं, जबकि परिवहन लागत में वृद्धि ने उनकी वित्तीय स्थिति को और कठिन बना दिया है। रावलपिंडी के एक रिक्शा चालक का कहना है कि “ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी गरीब लोगों के लिए दिन के अंत में कुछ पैसे बचाना और अपने परिवार को खाना खिलाना लगभग असंभव बना देती है। हम हर बार परेशान होते हैं, लेकिन सरकार हमारी परेशानी को नजरअंदाज करती रहती है।”
Petrol-Diesel Price Hike से कितना प्रभावित होंगे लोग?
परिवहन क्षेत्र, जो मुख्य रूप से पेट्रोल और डीजल पर निर्भर है, बढ़ते परिचालन लागत से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसका सीधा असर किराए और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर पड़ने की संभावना है। पाकिस्तान में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर जनता की आलोचना के बावजूद, सरकार का दावा है कि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब का कहना है कि “हमने पहले ही महंगाई को सिंगल डिजिट में ला दिया है और इसे और कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हमारी प्रगति स्थिर है और देश निश्चित रूप से आर्थिक संकट से बाहर आ रहा है।” हालांकि, सरकार के इन दावों के बावजूद बढ़ती ईंधन कीमतें जनता की चिंता का प्रमुख मुद्दा बनी हुई हैं। लोग अपनी आर्थिक समस्याओं को कम करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।
ध्यान देने योग्य बात है कि पाकिस्तान में ईंधन की बढ़ती कीमतें आर्थिक नीतियों और सार्वजनिक कल्याण के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती हैं। जैसे-जैसे लोग अपनी परेशानियां साझा कर रहे हैं, वे बढ़ते आर्थिक दबाव से राहत के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं।