सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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क्या फिर होगी भारत की डिप्लोमैटिक जीत? कतर में नौसैनिकों के बाद क्या भारतीय नर्स Nimisha Priya को फांसी से बचाया जा सकेगा?

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Nimisha Priya: मुश्किल परिस्थितियों से गुजर रहीं नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा से बचाने के लिए जद्दोजहद जारी है। केरल की रहने वाली निमिषा हत्या की सजा काट रही हैं और यमन के सना में स्थित जेल में कैद हैं। भारत सरकार लगातार Nimisha Priya के परिवार से संपर्क कर उन्हें मदद मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सवाल है कि क्या फिर एक बार भारत की डिप्लोमैटिक जीत होगी?

दरअसल, इससे पूर्व कतर में सजा काट रहे 8 पूर्व नौसैनिकों को छुड़ाया गया था। फरवरी 2024 का वो घटनाक्रम भारत के लिए बड़ी कुटनीतिक जीत था। यही वजह है कि फिर एक बार भारत की डिप्लोमैटिक नीति पर चर्चा हो रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या Nimisha Priya को बचाकर भारत फिर एक बार अपनी कुटनीति का लोहा मनवाएगा?

क्या भारतीय नर्स Nimisha Priya को फांसी से बचाकर भारत की होगी डिप्लोमैटिक जीत?

इसके लिए भारत सरकार पूरी जी-जान से जुटी है। भारत सरकार लगातार यमन की जेल में सजा काट रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के परिजनों से संपर्क साध रही है। इसके अलावा अन्य तमाम अधिकारी लगातार यमन शासन से संपर्क साझा कर भारतीय नर्स को फांसी के सजा से बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। केरल के प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु और कई स्थानीय सोशल एक्टिविस्ट भी Nimisha Priya को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि, मृतक तलाल अब्दो महदी के परिजन लगातार मुश्किलें खड़ी कर निमिषा के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं। अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर तलाल-अब्दो महदी की हत्या के मामले में यमन में मौत की सजा काट रहीं निमिषा अगर फांसी के फंदे पर लटकने से बच जाती हैं, तो ये भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक जीत होगी। हालांकि इसको लेकर अभी किसी भी तरह की पुख्ता बातें नहीं कही जा सकती हैं।

कतर में नौसैनिकों को बचाकर पहले भी कुटनीति पेश कर चुका है भारत!

अतीत के पन्ने पलटेंगे तो फरवरी 2024 का वो घटनाक्रम सामने आएगा जिसमें भारतीय कुटनीति का दबदबा देखने को मिला था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रयास से फरवरी 2024 में कतर में सजा काट रहे 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया गया था। इन सभी पर कथित रूप से जासूसी के आरोप थे जिसके बाद सजा मिली थी।

मालूम हो कि सभी पूर्व नौसैनिक अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ करते थे और अगस्त 2022 में उन्हें कतर में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, भारत के हस्तक्षेप के बाद फरवरी 2024 में सभी को रिहाई मिली थी जिसे बड़ी कुटनीतिक जीत माना गया था। इसी क्रम में अब भारतीय नर्स Nimisha Priya से जुड़े मामले में भी डिप्लोमेसी की भूमिका पर सबकी नजरें हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि निमिषा प्रिया की सजा से जुड़े मामले में आगे क्या होता है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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