Uttarakhand Viral Video: बिका हुआ सामान वापस नहीं होगा ऐसा लिख कर दुकानदार अपने आपको सुरक्षित रखते है पर ग्राहक के साथ अगर पॉलिसी का बहाना बनाकर लूट करने की कोशिश की जाए तो ये बेहद गलत है। हाल ही में एक मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक ग्राहक सर पर टोपी, लंबी दाढ़ी वाले दुकानदार से बहस करता नजर आ रहा है। उत्तराखंड वायरल वीडियो में देखा जा सकता है ग्राहक बोल रहा है उसने 1200 रुपए देकर जूता खरीदा और वो फटा हुआ निकला। अब पेमेंट होने के बाद जब ग्राहक ने चेक किया तब उसे पता चला कि जूता फटा हुआ है। लेकिन Uttarakhand Viral Video में जो हुआ वह लोगों के पारा गर्म कर देने के लिए काफी है।
उत्तराखंड वायरल वीडियो में दुकानदार की बेईमानी और दबंगई देख होगी हैरानी
gharkekalesh x से शेयर Uttarakhand Viral Video में जब ग्राहक ने दुकानदार से दूसरा पीस देने की बात कही तो उसने कहा कि दूसरा पीस नहीं है और वो इस जूते को चिपका कर ठीक कर देगा। ग्राहक ने कहा उसे दूसरा जूता दे या फिर पैसे वापस किए जाए। अब इसपर दुकानदार कहता है कि पसंद के जूते का दूसरा पीस नहीं है और वो 1200 रुपए का कोई और सामान खरीद सकता है। इसपर ग्राहक बोलता है कि वो दुकान से बाहर भी नहीं गया है तो उसे या तो दूसरा पीस मिलना चाहिए या फिर पैसे वापस मिले पर दुकानदार बोलता है कि पैसे रिफंड करने की कोई पॉलिसी नहीं है। इसी बात पर बहस जारी रहती है और जैसे ही ये उत्तराखंड वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो यूजर्स ने दुकानदार पर जमकर गुस्सा निकाला है।
Uttarakhand Viral Video को लेकर यूजर्स भी फटकार लगाते हुए कहीं ये बात
कई यूजर्स का कहना है कि ये तो सरासर गुंडागर्दी है। खराब माल चिपकाकर ग्राहक को दुकानदार लूट रहा है तो कई यूजर्स का कहना है कि ग्राहक की हर बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता उसे सामान पूरी तरह चेक करके तब पेमेंट करना चाहिए था। जहां तक वीडियो की बात करें तो अधिकतर यूजर्स दुकानदार को गलत बता रहे है और कह रहे है इसपर पुलिस को एक्शन लेना चाहिए। अगर ग्राहक के साथ सचमुच गलत हुआ है तो दुकानदार को अपनी गलती मानकर मामला सुलझा लेना चाहिए था पर दुकानदार का एटीट्यूड काफी गलत दिखाई दे रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में बात कहां तक पहुंची और क्या कार्यवाही हुई है।
दुकानदारी का काम भरोसे वाला है और इसमें ग्राहक अगर विश्वास करेगा तभी दुबारा उस दुकान पर जाएगा तो दुकानदार को सभ्य तरीके से मामले को सुलझाना चाहिए था।