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Viral Video: Women’s Day 2025 पर लेफ्ट लिबरल का हल्ला बोल, पेरिस की सड़कों पर टॉपलेस तांडव सही या गलत?

Viral Video: यूरोप में लेफ्ट लिबरल समुदाय का अजीबो गरीब प्रदर्शन देखा गया जहां पेरिस में फासीवाद के विरोध इंटरनेशनल वूमेंस डे के मौके पर एक गजब प्रदर्शन का दृश्य देखा गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है।

Viral Video
Photo Credit- Screen Grab From x @pkray11

Viral Video: यूरोप में लेफ्ट लिबरल समुदाय की तरफ से फासीवाद के विरुद्ध वूमेंस डे के मौके पर एक बार फिर अजीबोगरीब प्रदर्शन देखा गया। सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें टॉपलेस होकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। Viral Video को जिसने भी देखा उसकी आंखें चौंधिया गई और इस तरह से प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लेफ्ट लिबरल समुदाय का यह विरोध प्रदर्शन फिलहाल चर्चा में है। कहा जा रहा है कि वह नारीवादी यूरोप की मांग कर रही है ना कि फासीवाद यूरोप की।

वायरल वीडियो में क्यों हो रहा टॉपलेस प्रदर्शन

Viral Video से हटके अगर इस विरोध प्रदर्शन की बात करें तो इंटरनेशनल वूमेंस डे के मौके पर Femen कार्यकर्ता ने पेरिस में टॉपलेस होकर प्रदर्शन करती हुई दिखी है। इस दौरान चौंकाने वाली बात यह है कि उनके सीने पर अमेरिका या फिर रूस का झंडा और स्वास्तिक बना हुआ नजर आया। फासीवाद और पितृसत्ता का विरोध करते हुए उन्होंने नारीवादी यूरोप का आह्वान किया। सोशल मीडिया पर इस वायरल वीडियो को देखने के बाद लोगों के नजरें चौंधिया चुकी है।

Viral Video को लेकर क्या कह रहे यूजर्स

वायरल वीडियो में फासीवाद के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन को लेकर लोग भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस पर एक यूजर ने लिखा क्या वह वामपंथी या अति दक्षिणपंथी समूह से हैं। एक ने कहा यूरोप के लेफ्ट पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ की गई सबसे बड़ी वजह थी कि उन्हें विश्वास दिलाया जाए कि न्यूड होकर विरोध प्रदर्शन करना प्रभावी होगा। ऐसे में सवाल यह होता है कि क्या टॉपलेस होकर विरोध प्रदर्शन करना सही है या गलत। क्या इसका प्रभाव पड़ता है। वहीं एक यूजर ने लिखा ऐसी भी दुनिया है आश्चर्यजनक।

फिलहाल Viral Video में यह टॉपलेस प्रदर्शन सोशल मीडिया पर चर्चा में है। वैसे यह पहली दफा नहीं है जब इस तरह का अजीबोगरीब प्रदर्शन देखा गया हो। इससे पहले भी फ्रांस में मुस्लिम महिलाएं हिजाब और कट्टरपंथियों के खिलाफ इसी तरह प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए थे।

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