Viral Video: लोग डॉक्टर के पास इलाज कराने के लिए जाते हैं। वो उम्मीद करते हैं कि, उन्हें अच्छे इलाज के साथ इमोशनल सपोर्ट मिलेगा। लेकिन क्या हो जब कोई डॉक्टर ही मरीज को गाली देने लगे और चीखते और चिल्लाते हुए ‘डर की थेरेपी’ देने लगे। इस तरह की कल्पना कोई नहीं करता है। लेकिन ऐसा हुआ है। सोशल मीडिया पर एक आदमी का चिल्लाते हुए और मोबाइल फोन को छीनते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा व्यक्ति डॉक्टर बताया जा रहा है। डॉक्टर का ये गुस्सा किसी और पर नहीं बल्कि अपने ही मरीज पर फूट रहा है।
मरीज के साथ क्रूरता करता डॉक्टर कैमरे में कैद
ये Viral Video सोशल मीडिया पल्टफॉर्म एक्स पर एक नजर नाम के एक्स हैंडल से अपलोड किया गया है।
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इसके साथ ही कैप्शन में जानकारी देते हुए दावा किया गया है कि, “राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था ऐसे विशिष्ट डॉक्टरो के हाथों मे है जिन्होंने इलाज के लिए आए मरीज के ऊपर चिल्लाने की एक ऐसी थेरेपी इजात की है जिसके, कारण बिमारी तो क्या मरीज भी डर से थर-थर कापने लगता है और नीचे वाले हैवान रुपी भगवान से बचाने के लिए ऊपर वाले भगवान से प्रार्थना करता है। जिस बीमार महिला के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है उसे कांग्रेस पार्टी की पूर्व महिला जिला अध्यक्ष बताया जा रहा है।” वीडियो चंद सेकंड का है। जिसमें डॉक्टर बताया जा रहा आदमी काफी चीख और चिल्ला रहा है। इसके साथ ही सामने बैठी महिला बोल रही है कि, गाली किसे दे रहे हो? इतना ही ये डॉक्टर फोन को भी छीन लेता है।
Viral Video देख यूजर्स गुस्से में हुए लाल-पीले
मरीज के साथ बुरा व्यवहार करते डॉक्टर पर जब यूजर्स की नजर पड़ी तो उन्हें गुस्सा आ गया। इस वीडियो को एक्स पर 6 जून को अपलोड किया गया था। इस पर 28000 से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं। वहीं, कई सारे लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। एक यूजर लिखता है, ‘यहाँ तो इलाज नहीं, ‘डर’ की थैरेपी दी जा रही है — मरीज डॉक्टर के गुस्से से इतना कांपता है कि बीमारी भूल जाए! क्या ये चिकित्सा है या मानसिक यातना? और जो महिला ऐसी अमानवीयता झेल रही है, वो हमारे समाज की सचमुच की दास्तान है।’ दूसरा लिखता है, ‘डॉक्टर है या फटीचर गाली दे रहा है।’ तीसरा लिखता है, ‘ये लोग अपनी तुलना भगवान से करते है , इनके कर्मों का फल आज नहीं तो कल प्राप्त होना ही है ।’
नोट: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो /पोस्ट पर आधारित है।डीएनपी इंडिया हिन्दी किसी भी प्रकार के दावे और सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।