Ashadha Amavasya 2023: हिंदू धर्म के अनुसार पंचांग में आने वाले सभी त्योहार और तिथियों का बहुत महत्व होता है। वैसे ही हर साल आने वाली अमावस्या और पूर्णिमा का भी हिंदू धर्म के अंदर बहुत महत्न माना जाता है। लोग इस दिन काफी पूजा-पाठ दान पुण्य आदि करते है। अभी जून के महीने में 18 तारीख यानि रविवार को आषाढ़ अमावस्या पड़ने वाली है जिसे लोग काफी उत्साह के साथ मनाते है। इस दिन का महत्व काफी कम लोग ही जानते हैं। पंडित और सभी भक्त इस दिन गंगा नदी में जाकर स्नान करते हैं। इस दिन दान-पुण्य करने और विष्णु जी की पूजा करने से लोगों की जिंदगी में आए राहु का दोष कम होता है जिसे लोगों की जिंदगी पर काफी बढ़िया असर देखने को मिलता है। आज इस आर्टिकल से आपको यह जानने को मिलेगा इस दिन किस प्रकार से पूजा- अर्चना करके विष्णु जी को प्रसन्न कर सकते है और साथ ही अपने पाप को किस प्रकार से कम कर सकते है।

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आषाढ़ अमावस्या मनाने क महत्व

हिंदू धर्म में किसी भी तिथि को मनाने का एक बहुत बड़ा महत्व होता है ठीक उसी प्रकार से 18 जून को आने वाली आषाढ अमावस्या भी काफी जरूरी होती है। इस दिन सभी लोग गंगा नदी में जाकर डुबकी लगाते है या जाने में असमर्थ लोग घर पर ही गंगा जल से स्नान भी कर सकते है। इस दिन पूजा-पाठ , सूर्य देवता को जल चढ़ाने और उनके मंत्र का जाप से पाप और रोग दोनों दूर होते है। इसके साथ ही यदि भक्त बहते हुए पानी में तिल के दानों को चढ़ाते हैं , तो उन्हें इनका भगवान के द्वारा अच्छा फल मिलता है।

क्या है पूजा विधि

इस दिन भक्त सुबह मुर्हत के समय उठकर गंगा जल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करनी है। पूजा पूरी होने के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाना है । जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र का जाप भी करना आवश्यक है। पूजा सम्पन्न होने के बाद पंडितों और गरीबों को दान देना चाहिए। ऐसा करने से पापों से मुक्ति तो मिलती ही है , साथ ही पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।

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