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बड़ी खबर! टर्म्स ऑफ रेफरेंस के बिना क्यों 8th Pay Commission नहीं हो सकता लागू? मिनिमम सैलरी समेत इन भत्तों में हो सकता है बड़ा उलटफेर; जानें सबकुछ

8th Pay Commission: लागू होने के बाद कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी होगी, साथ ही महंगाई भत्तों में भी बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

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8th Pay Commission
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

8th Pay Commission: एक बार फिर 8वां वेतन आयोग को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है, 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इसके लागू होने का इंतजार कर रहे है, साथ ही कमेटी गठन को लेकर भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है, हालांकि 8th Pay Commission के ऐलान के पांच महीने बीत चुके है, लेकिन आयोग को लेकर किसी प्रकार की खबर सामने नहीं आ रही थी, इसी बीच अब केंद्र सरकार जल्द टर्म्स ऑफ रेफरेंस लागू कर सकती है, दरअसल टर्म्स ऑफ रेफरेंस ही आयोग और कार्य क्षेत्र को दिशा को निर्धारित करता है। इसके लागू होने के बाद कमेटी गठन की भी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस के बिना 8th Pay Commission क्यों नहीं हो सकता लागू?

मालूम हो कि किसी भी वेतन आयोग को लागू करने से पहले एक कमेटी गठित की जाती है, जिसमे पेंशनर्स और केंद्रीय कर्मचारियों से राय ली जाती है, साथ ही हालिया स्थिति को देखते हुए महंगाई भत्ते को भी देखा जाता है, इसके अलावा कमेटी द्वारा कई पहलुओं पर काम किया जाता है। कमेटी गठन से पहले टर्म्स ऑफ रेफरेंस की मंजूरी के बिना सरकार 8th Pay Commission के लिए कमेटी गठित नहीं कर सकती है।

वहीं दूसरा सवाल यह है कि क्या 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो जाएगा? इसका जवाब है शायद नहीं, हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि क्योंकि किसी भी कमेटी द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट पेश करने में 12 महीने का समय लगता है, यानि अगर कमेटी गठित भी हो जाती है, तो भी मुश्किल है कि नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू है, हालांकि यह केवल एक अनुमान है।

मिनिमम सैलरी समेत इन भत्तों में हो सकता है बड़ा उलटफेर

गौरतलब है कि 8th Pay Commission लागू होने के बाद कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी तो होगी है, लेकिन कर्मचारी कई अन्य मांग भी केंद्र के सामने रख रहे है, कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल करने पर जोर दिया है, इसके अलावा हेल्थ सर्विस को भी बेहतर बनाने के लिए कहा गया है, इसके साथ ही रिटायरमेंट और पेंशन में सुधार करने की बात कहीं गई है।

बच्चों की शिक्षा भत्ता में भी बढ़ोतरी की मांग की गई है, साथ ही कर्मचारियों के लिए ब्याज और रेलवे कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने की बात कही गई है। हालांकि यह देखना होगा कि आगामी कमेटी इन में से किन मुद्दों को उठाती है, साथ की इन प्रस्तावों को केंद्र के सामने कैसे रखती है। यानि यह साफ है कि अगर सरकार द्वारा इनकी मंजूरी मिल जाती है तो कर्मचारियों और पेंशनर्स को जबरदस्त फायदा होने की उम्मीद है।

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