Budget 2025: बजट 2025 में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में न्यूनतम टैक्स स्लैब को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, सैलरीड क्लास के लिए 75000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़ा गया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह बदलाव खर्च और बचत दोनों को प्रोत्साहित करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देगा।
मध्यम वर्ग को होने वाली बचत से बढ़ेगा घरेलू बाजार
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक कुमार लाहिड़ी के अनुसार, टैक्स छूट की सीमा बढ़ने से मध्यम वर्ग के करदाताओं के पास अधिक डिस्पोजेबल इनकम होगी। यह अतिरिक्त धन खर्च बढ़ाएगा, जिससे बाजार की मांग को बल मिलेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालांकि, लाहिड़ी का मानना है कि यह सिर्फ खर्च को नहीं बल्कि बचत को भी बढ़ावा देगा। उनका कहना है कि “यह प्रस्ताव करदाताओं को अधिक खर्च करने और अधिक बचत करने का अवसर देता है। यह एक संतुलित दृष्टिकोण है, जो व्यक्ति और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए फायदेमंद है।”
Budget 2025 में आपूर्ति से मांग की ओर शिफ्ट हुआ ध्यान
अर्थशास्त्री प्रोबीर कुमार मुखोपाध्याय का कहना है कि अब तक सरकार का ध्यान आपूर्ति पक्ष पर था, लेकिन इस बार बजट में मांग बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इससे अर्थव्यवस्था में संतुलन बना रहेगा। उन्होंने बताया कि मध्यम वर्ग के करदाता आमतौर पर खर्च और बचत में संतुलन रखते हैं। हालांकि, कितना खर्च किया जाएगा और कितना बचाया जाएगा, यह व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करेगा, लेकिन इस कर राहत से आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
बजट 2025 में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत
सैलरीड क्लास के अलावा, बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी राहत दी गई है। टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की सीमा 50000 रुपए से बढ़ाकर 100000 रुपए कर दी गई है। चूंकि अधिकांश वरिष्ठ नागरिक ब्याज आय पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में यह बदलाव उनके लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।