शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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Hindenburg-Adani Group विवाद ने शेयर बाजार को किया डाउन, मार्केट कैप की टॉप-5 लिस्ट से भारत बाहर

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Railway Stocks: भारतीय रेलवे और शेयर बाजार, दोनों ही दो अलग-अलग पहलू हैं। पर आज दोनों ही एक दूसरे के कारण खबरों में हैं। बता दें कि बीते कुछ दिनों से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। इस क्रम में रेलवे के शेयर को लेकर भी खूब खबरे बन रही हैं।

Adani-Hindenburg Case: अडानी ग्रुप मामले में सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, SEBI ने बीते दिनों ही सौंपी थी जांच रिपोर्ट

Adani-Hindenburg Case: 2023 के शुरूआती महीनों की बात है जब देश में अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) मामले ने खूब तुल पकड़ा था। अडानी समूह पर कथित रुप से मार्केट वैल्यू के खिलाफ जाने का आरोप हिंडनबर्ग ग्रूप ने लगाया था।

Adani Group की झोली में एक और बंदरगाह, 1485 करोड़ रुपए में हुई डील

अडानी ग्रुप ने शनिवार को पांडुचेरी में एक नया पोर्ट खरीदा है। इस पोर्ट को खरीदे जाने को लेकर कंपनी की तरफ से जानकारी दी गई है कि आने वाले समय में इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।

Hindenburg-Adani Group: कुछ दिनों से हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप का विवाद काफी चर्चा में है। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। Hindenburg Research को लेकर जिस तरह से Adani Group के शेयर गिरे उससे भारतीय शेयर बाजार को काफी नुकसान हुआ है। इसका असर इस रूप में सामने आया कि मार्केट कैपिटल के लिहाज से भारत दुनिया के टॉप 5 देशों की सूची से बाहर हो गया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब फ्रांस से नीचे छठवें स्थान पर आ गया। इसका मार्केट कैप 3.2 ट्रिलियन डॉलर पर था। ब्रिटेन अभी भी सातवें स्थान पर बरकरार है।

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छठे नंबर पर खिसका भारत

खबरों की मानें तो सोमवार को भारत फ्रांस से नीचे छठे स्थान पर था। इसका मार्केट ट्रैप 3.2 ट्रिलियन रहा था। भारत छठे स्थान पर आ गया और ब्रिटेन सातवें स्थान पर बरकरार रहा। भारत और ब्रिटेन के बीच लगभग 100 डॉलर से ज्यादा का अंतर रह गया था।

अडानी ग्रुप के शेयरों का पड़ा असर

माना जा रहा है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार चार दिन गिरावट हुई जिसके कारण अडानी ग्रुप को 75 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ जिसका सीधा असर भारत के शेयरों पर पड़ा है।

अडानी ग्रुप के FPO को मिला निवेशकों का समर्थन

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को 20000 करोड़ रुपए के एफपीओ को इश्यू करने का आखिरी दिन था। अडानी समूह को आखिरी दिन निवेशकों का समर्थन मिला। आंकड़ों के मुताबिक FPO के तहत 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई। इसके मुकाबले निवेशकों की ओर से 4.62 करोड़ शेयरों की मांग की गई।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि कुछ समय पहले हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमें अडानी ग्रुप से 88 सवालों के जवाब मांगे गए थे और कई आरोप भी लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के आते ही अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई। इतना ही नहीं उनके शेयरों में कई दिनों तक लगातार गिरावट आई। अडानी ग्रुप की तरफ से इन सवालों के जवाब के रूप में एक 413 पन्नों की रिपोर्ट जारी की गई। हिंडनबर्ग की तरफ से इस रिपोर्ट का जवाब आते ही एक बार फिर बाजारों में अफरा-तफरी मच गई क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से कहा गया था कि 88 सवालों में से अभी तक उन्हें 62 सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। इस मामले के शुरू होते ही दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप शुरू हुए जो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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