Indian Economy: भारत तेजी से आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है, और इसमें निजी निवेश की अहम भूमिका है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की वृद्धि दर 6.4% से 6.7% के बीच स्थिर रहेगी, जबकि FY26 तक यह 7% तक पहुंचने की संभावना है। यह उम्मीदें भारत की वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच स्थिरता और सुधार की ओर इशारा करती हैं। गौरतलब है कि Indian Economy में लगातार हो रही बढ़ोतरी कई प्रमुख क्षेत्रों पर निर्भर है, चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी जानकारी।
Indian Economy में निजी निवेश का अहम योगदान
निजी निवेश Indian Economy वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अगले कुछ तिमाहियों में निजी निवेश में उछाल देखा जा सकता है, जिससे FY26 में 7% की वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी। कंपनियों में बढ़ता आत्मविश्वास और विस्तार योजनाएं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती हैं। निजी निवेश न केवल आर्थिक वृद्धि को तेज करेगा, बल्कि उद्योगों में उत्पादकता को भी बढ़ाएगा।
रोजगार सृजन भी Indian Economy को दे रहा बढ़ावा
भारत की “विकसित भारत” 2047 की दृष्टि के तहत रोजगार सृजन एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनी हुई है। CII के सर्वेक्षण के आंकड़े इस दिशा में प्रगति का संकेत दे रहे है। रिपोर्ट में Indian Economy में भी स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है, जिसमे कई कारक शामिल है। पहला – रोजगार में वृद्धि, 42% से 46% कंपनियां अपनी कार्यबल में 10% से 20% की वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं। 31% से 36% कंपनियां 10% तक रोजगार बढ़ाने की योजना बना रही हैं। क्षेत्रवार वृद्धि- विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में अगले वर्ष प्रत्यक्ष रोजगार में 15% से 22% की वृद्धि होने की उम्मीद है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनियां अपनी विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए अधिक मानव संसाधन में निवेश कर रही हैं।
वेतन वृद्धि और उपभोग पर प्रभाव
CII रिपोर्ट के अनुसार वेतन वृद्धि के रुझानों पर भी प्रकाश डाला, जो व्यक्तिगत खपत और समग्र आर्थिक मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। वेतन वृद्धि का स्तर: 40% से 45% कंपनियों ने वरिष्ठ प्रबंधन और नियमित कर्मचारियों के लिए 10% से 20% वेतन वृद्धि की सूचना दी। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई रिपोर्ट में Indian Economy में लगातार बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है।