Tuesday, January 14, 2025
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तकनीक और बुनियादी ढांचे से लेकर वस्त्र उद्योग तक, Make In India के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली गति; जानें पूरी डिटेल

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Make In India: 2014 में शुरू हुए मेक इन इंडिया अभियान ने भारत की अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया है। बीते दस वर्षों में इस पहल ने विनिर्माण, निर्यात, विदेशी निवेश और रोजगार सृजन में असाधारण प्रगति की है। 2024 में इस मिशन ने 1.46 लाख करोड़ का निवेश, 4 लाख करोड़ का निर्यात और 9.5 लाख नौकरियों के साथ अपनी सफलता को और मजबूत किया है। आइए, इस महत्वाकांक्षी योजना की उपलब्धियों पर नज़र डालते हैं।

Make In India के तहत विनिर्माण और निर्यात में आई क्रांति

मेक इन इंडिया ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के बीच, इस पहल के तहत 667.41 बिलियन का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जो पिछले 24 वर्षों में कुल एफडीआई का 67% है। इस निवेश ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की, जिससे निर्यात 4 लाख करोड़ से अधिक हो गया। 2014 में शुरू हुए Make In India अभियान ने भारत की अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली तेज गति

Make In India पहल भारत की आर्थिक यात्रा में एक परिवर्तनकारी शक्ति साबित हुई है। विनिर्माण, तकनीक, बुनियादी ढांचे और रक्षा में प्रगति के माध्यम से, इसने भारत की स्थिति को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया है। 2024 में, मेक इन इंडिया 2.0 अपनी मजबूत नींव पर निर्माण कर रहा है, नवाचार, निवेश और रोजगार के अवसरों के माध्यम से एक समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर है।

तकनीक और बुनियादी ढांचे में उन्नति

Make In India के तहत तकनीकी और बुनियादी ढांचे में असाधारण वृद्धि हुई है। FY25 में भारत ने iPhone उत्पादन में $10 बिलियन का आंकड़ा छुआ, जिसमें $7 बिलियन का निर्यात शामिल है। इस प्रक्रिया में Apple के इकोसिस्टम ने 1,75,000 नई नौकरियां प्रदान कीं, जिनमें से 72% पद महिलाओं ने भरे हैं।

रक्षा और वस्त्र उद्योग में Make In India का अहम योगदान

रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई, जहां 2023-24 में उत्पादन 1.27 लाख करोड़ तक पहुंचा और पिछले एक दशक में निर्यात 30 गुना बढ़ गया। Make In India के तहत अब भारत 90 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है। वडोदरा में भारत की पहली निजी सैन्य विमान निर्माण सुविधा का उद्घाटन आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वस्त्र क्षेत्र में 28000 करोड़ के निवेश से 2 लाख करोड़ का टर्नओवर और 2.5 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र उत्पादक है, ने निर्यात में निरंतर वृद्धि देखी है। ये प्रयास मेक इन इंडिया के पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

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