Public Provident Fund: मोदी सरकार की तरफ से हर वर्ग के लिए अलग-अलग प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। बड़ी संख्या में लोग निवेश भी कर रहे है। केंद्र सरकार की तरफ से एक लोकप्रिय योजना जिसका नाम है Public Provident Fund, इसका उपयोग आमतौर पर सेवानिवृत्ति योजना, शिक्षा के लिए धन जुटाने या घर के लिए बचत करने के लिए किया जाता है। मालूम हो कि यह सबसे भरोसेमंद दीर्घकालिक बचत योजनाओं में से एक है। वहीं अब केंद्र सरकार ने पीपीएफ के नियमों में बड़ा उलटफेर हुआ है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
Public Provident Fund नियमों में बड़ा उलटफेर
अगर आपका भी अकाउंट Public Provident Fund में है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल सरकार की तरफ से पीपीएफ नियमों में बदलाव किया गया है, जिसका जानना, आपके लिए बहुत जरूरी है। बता दें कि इस स्कीम के तहत एक व्यक्ति न्यूनतम 500 रूपये और अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक हर साल जमा कर सकता है, कुल 15 सालों तक, अगर 15 साल बाद भी वह इस स्कीम को आगे बढ़ाना चाहता है तो वह और 5 साल तक बढ़ा सकता है। इसमे 7.1 प्रतिशत का प्रति वर्ष ब्याज मिलता है। साथ ही आयकर विभाग की तरफ से टैक्स कटौती में भी छूट मिलती है।
आंशिक और पूर्ण निकासी के लिए क्या है सरकार का नया नियम?
पीपीएफ खाते से आंशिक निकासी तभी संभव है जब खाता कम से कम 5 वर्षों से चालू हो। यह विकल्प खाताधारकों को अपने निवेशित धन का एक हिस्सा वापस पाने की सुविधा देता है, जबकि खाता चालू रहता है और चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाता है। उदाहरण के तौर पर Public Provident Fund के खाताधारकों को केवल 50 प्रतिशत ही निकासी कर सकते है, वहीं अगर पूर्ण निकासी के बाद यानि 15 साल पूरा होने के बाद खाताधारक पूर्ण निकासी कर सकता है। इसके अलावा अगर कोई अपने खाते को 5 साल के ब्लॉक में भी बढ़ा सकते हैं। आप या तो इसे बढ़ा सकते हैं और पैसा जमा करना जारी रख सकते हैं, या बिना कोई जमा किए इसे बढ़ा सकते हैं।