US-China Tariff War: दुनिया के दो सबसे मजबूत देश एक बार फिर आमने सामने आ चुके है, मालूम हो कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉ़र शुरू हो चुका है, जहां बीते दिन व्हाइट हाउस ने ड्रैगन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद चीन ने राष्ट्रपति Donald Trump पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारे पास पर्याप्त नीतिगत उपकरण है। मालूम हो कि चीन ने भी अमेरिका पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था, जिसके बाद ट्रंप आग बबूला हो गए थे, US-China Tariff War की लड़ाई के बीच दुनियाभर में टेंशन बढ़ गई है, वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रेड वॉर के बीच क्या भारत की स्थिति होगी और मजबूत?
104 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भी चीन ने अमेरिका को दिखाई आंख
व्यापार के मामले में चीन दुनियाभर के देशों से कई आगे है। वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा ड्रैगन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी, कि चीन इसके बाद थोड़ा शांत हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं इस फैसले के बाद चीन ने भी अमेरिका को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने यह साफ कर दिया कि वह अमेरिका के आगे नहीं झुकेगा, साथ ही उन्होंने कहा कि बीजिंग देश की बेहतर और सतत आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में हम पूरी तरह से तैयार है।
वहीं पीएम ने इस नीति की कड़ी आलोचना की, साथ ही इसे एकतरफा, संरक्षवाद और आर्थिक दवाब बढ़ाया है। ड्रैगन ने यह साफ कर दिया है कि वह इस आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए पूरी तैयार है।
US-China Tariff War के बीच क्या भारत की स्थिति होगी और मजबूत?
बता दें कि US-China Tariff War के बीच भारत एक गेमचेंजर साबित हो सकता है, इसके खुद भारत के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि दो वैश्विक दिग्गजों के बीच संघर्ष के कारण “व्यापार जगत में अनिश्चितता का क्षण” भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है – अगर देश “अपने पत्ते सही तरीके से खेले। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह “अपनी कमर कसने” और व्यापार वार्ताओं,
खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ, पर तेजी से आगे बढ़ने का अच्छा समय है, ताकि निवेश को बढ़ावा दिया जा सके और भारतीय निर्यातकों का समर्थन किया जा सके। गौरतलब है कि चीन पर 104 प्रतिशत ट्रैरिफ के बाद यह मुमकिन है कि बड़ी कंपनियां चीन से भारत वापस आएगी, जिससे भारत की स्थिति और मजबूत हो जाएगी। हालांकि अब देखना होगा कि इस ट्रेड वॉर के बीच भारत की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।