Abu Azmi: सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर क्या कुछ कहा ये दुनिया ने देखा और सुना है। फिलहाल इस फेहरिस्त में एक और चर्चित शख्स की एंट्री हो गई है। अबू आजमी के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा ने औरंगजेब को लेकर बड़ी बात कह दी है। मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज ने कहा है कि मुगलई से मुहब्बत और मुगलों से नफरत। ये बात समझ से बाहर है। आप पूरे मुल्क में मुगलई भी बंद करा दीजिए। Abu Azmi के बाद अब औरंगजेब को लेकर तबरेज राणा द्वारा दिए बयान पर सोशल मीडिया पर चर्चा का एक नया दौर शुरू है। यूजर्स अपने-अपने हिस्से का पक्ष रखते हुए तबरेज राणा का समर्थन या विरोध करने में जुट गए हैं।
Abu Azmi के बाद औरंगजेब को लेकर क्या बोल गए मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज?
लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए दिवंगत शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज ने औरंगजेब मामले पर अपना पक्ष रखा है। तबरेज राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि “औरंगजेब ने 48 वर्षों तक शासन किया। अगर उसने उन 48 वर्षों में हिंदुओं का नरसंहार किया होता, तो उसने कितने लोगों को मार डाला होता। क्या तब हिंदू बच पाते? क्या उसने मंदिरों को नष्ट कर दिया? क्या मंदिर 48 वर्षों तक बने रहे? सरकार के इन 10 वर्षों में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया, लेकिन उनके पास 48 साल थे। तब न तो हम और न ही सोशल मीडिया मौजूद थे। जब मेरे दिवंगत पिता मुनव्वर राणा बुरा हो सकते हैं, तो उनकी क्या गलती थी? वह ‘गोडसे’ के युग में ‘गांधीगिरी’ कर रहे थे।”
तबरेज ने आगे कहा कि “विवाद तब होता है जब हमारे पास दिखाने के लिए कुछ नया नहीं होता। अगर हमने कुछ नया किया होता, कुछ अच्छा किया होता, तो हम अतीत में नहीं जाते। आप मुगलों से नफरत करते हैं लेकिन मुगलई से मुहब्बत करते हैं। ये ऐसी विधा है जो पूरी तरह से समझ से परे है।” Abu Azmi के बाद तबरेज राणा द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए बयान पर चर्चा छिड़ी है।
सपा नेता अबू आजमी के इस बयान पर मचा संग्राम
बता दें कि महाराष्ट्र में सपा के कद्दावर नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब को करुणा भाव से भरा राजा बताया था। Abu Azmi ने कहा था कि “औरंगजेब क्रूर नहीं था। उसने देश में कई मंदिर बनवाए थे। औरंगजेब और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई हिंदू-मुस्लिम की नहीं, बल्कि राज्य प्रशासन के लिए थी।” अबू आजमी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हुआ और सीएम योगी से लेकर देवेन्द्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने सपा नेता का विरोध किया।