शनिवार, सितम्बर 7, 2024
होमख़ास खबरेंधर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कानून को लेकर AIMPLB का बड़ा बयान, कहा 'न...

धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कानून को लेकर AIMPLB का बड़ा बयान, कहा ‘न लोगों की जरूरत और न…,’ जानें डिटेल

Date:

Related stories

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर लगी बधाईयों की झड़ी, PM Modi, CM Yogi समेत कई नेताओं ने जारी किए खास संदेश

Ganesh Chaturthi 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में आज गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर लोगों द्वारा भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।

PM Modi Singapore Visit: सिंगापुर में पीएम मोदी का खास अंदाज! भारतीय समुदाय के लोगों संग जमकर बजाया ढोल; देखें वीडियो

PM Modi Singapore Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ब्रुनेई दौरे के बाद अब दो दिवसीय सिंगापुर दौरे पर पहुंच चुके हैं। सिंगापुर दौरे का लक्ष्य दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र के साथ रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना है।

AIMPLB: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी के विरोध किया है। गौरतलब है कि 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किला पर झंडा फहराने के बाद अपने संबोधन में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की वकालत की था। वही अब एआईएमपीएलबी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि एआईएमपीएलबी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह मुसलमानों के लिए “अस्वीकार्य” है क्योंकि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ कभी समझौता नहीं करेंगे।

AIMPLB ने क्या कहा?

एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता लाने की प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने इसे ”एक सोची-समझी साजिश बताया जिसके गंभीर परिणाम होंगे।” बयान में कहा गया है कि बोर्ड यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण समझता है कि भारत के मुसलमानों ने कई बार यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके पारिवारिक कानून शरिया कानून पर आधारित हैं, जिससे कोई भी मुसलमान किसी भी कीमत पर विचलित नहीं हो सकता है।

अपने धर्म के अनुसार कानून पालन करने का अधिकार

उन्होंने कहा कि “भारत में मुसलमानों को अपने धर्म के अनुसार कानून का पालन करने का अधिकार है, जैसा कि 1937 के शरीयत एप्लिकेशन अधिनियम और भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा गारंटी दी गई है। यह अनुच्छेद नागरिकों को “धर्म को मानने, प्रचार करने, आचरण करने और उसके कानूनों का पालन करने” का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने नागरिकों से स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण भारत के दृष्टिकोण को याद रखने का आग्रह किया, साथ ही प्रधान मंत्री द्वारा प्रचारित “धार्मिक घृणा और शत्रुता” द्वारा ध्रुवीकृत होने के खिलाफ चेतावनी दी”।

Latest stories