Murshidabad Violence: कई ऐसे सवाल हैं जो विपक्षी खेमा की चुप्पी के कारण उठ रहे हैं। दरअसल, वक्फ एक्ट पर छिड़े आर-पार के बीच मुर्शिदाबाद में हिंसा हो गई। किसी का घर जला, तो किसी की दुकान तबाह हुई। कई ऐसे लोग भी हैं जो मुर्शिदाबाद वायलेंस के कारण घर छोड़ने को मजबूर हुए। ऐसी स्थिति में ज्यादातर लोगों ने ममता सरकार की मुखालफत करते हुए मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए उन पर निशाना साधा। हालांकि, विपक्षी खेमा के कई ऐसे दिग्गज नेता हैं जिनकी टाइमलाइन पर Murshidabad Violence का जिक्र तक नहीं है। Waqf Act की खुले तौर पर मुखालफत करने वाले ये नेता मुर्शिदाबाद हिंसा पर चुप्पी साधते नजर जाए। इसमें प्रमुख तौर पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं का नाम शामिल है। मणिपुर, बहराइच, नागपुर जैसे जगहों पर हुई हिंसा के दौरान बोलने वाले नेताओं की चुप्पी सवालों को जन्म दे रही है।
बंगाल में हुए Murshidabad Violence पर ओवैसी, अखिलेश यादव व राहुल गांधी की चुप्पी से उठे सवाल!
इन नेताओं के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल खंगालेंगे तो शायद आपको निराशा हाथ लगे। राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव या फिर असदुद्दीन ओवैसी, इन नेताओं ने मुर्शिदाबाद वायलेंस पर चुप्पी साधना उचित समझा। खबर लिखे जाने तक इन नेताओं के एक्स हैंडल पर मुर्शिदाबाद हिंसा का जिक्र तक नहीं है। नाही खुले तौर पर विपक्षी खेमा से जुड़े ये नेता ममता सरकार पर सवाल दागते नजर आए। तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने भी Murshidabad Violence पर सार्वजनिक तौर पर कुछ बोने से परहेज किया। ममता बनर्जी स्थिति को संभालने और वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ को संबोधित करती नजर आईं। थोड़ा अतीत में चले तो पाएंगे कि ये वही नेता हैं जो मणिपुर, नागपुर, बहराइच या संभल में हुई हिंसा के दौरान मुखर रहे थे। हालांकि, अब मुर्शिदाबाद वायलेंस पर इनकी चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।
दिग्गज BJP नेता CM Yogi, सुभेंदु अधिकारी ने विपक्ष को घेरा
उन नेताओं की फेहरिस्त में सीएम योगी और सुभेंदु अधिकारी का नाम आता है, जिन्होंने Murshidabad Violence का जिक्र कर विपक्ष को खुलेआम तौर पर ललकारा है। इसके अलावा गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, हिमंता बिस्वा सरमा, शहजाद पूनावाला जैसे बीजेपी नेताओं ने भी मुर्शिदाबाद वायलेंस पर चुप्पी साधने वाले विपक्षी खेमा को निशाने पर लिया है। Waqf Act को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की भेंट चढ़े मुर्शिदाबाद को लेकर चर्चाओं का बाजार फिलहाल गर्म है। आसार जताए जा रहे हैं कि अभी आने वाले कुछ दिनों तक इस प्रकरण को लेकर सुर्खियां बन सकती हैं।