बुधवार, नवम्बर 5, 2025
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Bihar Assembly Election 2025: नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी संभव है – बशर्ते, ये 5 काम लोगों के जेहन में रहें! पढ़ें डिटेल्स

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Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। चुनाव आयोग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। 6 नवंबर को 121 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, जबकि शेष 122 सीटों पर 11 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा। बिहार की 243 सीटों में से 38 अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से पहले, राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव की चर्चाएं चल रही हैं। गूगल पर उन पांच प्रमुख कामों के बारे में खूब सर्च किया जा रहा है जो मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी का कारण बन सकती हैं। इन सवालों के जवाब के लिए मैंने नीतीश सरकार की पांच उपलब्धियों की पड़ताल की है, जिनकी तारीफ करते बिहार के लोग कभी नहीं थकते।

Bihar Assembly Election 2025: नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

नीतीश कुमार हमेशा आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार की अहम ज़िम्मेदारी के बावजूद, वे चिंता को अपने चेहरे पर हावी नहीं होने देते। यह अलग बात है कि 2020 के आम चुनाव से पहले भी उनके चेहरे पर यही भाव थे। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जहाँ राजनीतिक दलों के मुद्दे बदल गए हैं, वहीं नीतीश कुमार ने अपने जनहित कार्यों के ज़रिए अपनी पहुँच और मज़बूत की है। हालाँकि, बेरोज़गारी और पलायन जैसे मुद्दों ने बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की प्रासंगिकता कम कर दी है, जिससे युवाओं का रुझान तेजस्वी यादव की ओर बढ़ा है। वहीं, 2005 में सत्ता में आने के बाद से ही नीतीश कुमार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों और धर्मों के विकास के लिए काम करते नज़र आए हैं। हालाँकि, 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत दिलाना और फिर से मुख्यमंत्री पद हासिल करना एक बड़ी चुनौती है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: क्या महिलाएं फिर से नीतीश के सिर सत्ता का ताज सजाएंगी?

दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहले चरण के वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष से लेकर राज्य की राजनीतिक गतिशीलता से वाकिफ़ लोगों तक, सबकी नज़र महिला मतदाताओं के रुख पर टिका है। बिहार की राजनीति की गहरी समझ रखने वाले नीतीश कुमार ने इसी मतदाता वर्ग के इर्द-गिर्द अपना राजनीतिक जीवन गढ़ा है, जिसकी झलक उनके पूरे कार्यकाल में साफ़ दिखाई देती रही है। नीतीश कुमार भारत के पहले ऐसे नेता और मुख्यमंत्री माने जाते हैं जिन्होंने बड़ी संख्या में महिला-केंद्रित योजनाओं की शुरुआत की और उन्हें ज़मीनी स्तर पर सख्ती से लागू किया। महिला मतदाताओं के साथ नीतीश कुमार का जुड़ाव दूसरे नेताओं से अलग है। 2005 में सत्ता में आने के बाद, नीतीश कुमार ने स्कूली छात्राओं के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के लिए साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति और अन्य ठोस पहल कीं। अब, ठीक 20 साल बाद, ये छात्राएँ सक्रिय मतदाता हैं। उनके खातों में धनराशि भेजे जाने से नीतीश कुमार के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव और गहरा हुआ है। जो नीतीश कुमार के चुनावी गणित को मजबूत कर सकता है।

बिहार चुनाव 2025: नीतीश सरकार की इन 5 योजनाओं ने एनडीए को किया मजबूत

गौरतलब है कि बिहार के वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए नीतीश कुमार ने कई विशेष योजनाएँ लागू कीं। सरकारी योजनाओं का लाभ महादलित समुदाय तक पहुँचाने के लिए 2009 में बिहार महादलित विकास मिशन की स्थापना की गई। इससे महावंचित वर्ग के लोगों को काफ़ी लाभ हुआ है। नीतीश कुमार की सरकार द्वारा साल 2023 में, विकास मित्रों का मानदेय 13700 से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया गया। जिसमें सालाना पाँच प्रतिशत की वृद्धि होती रही है। 2018 में, नीतीश कुमार की सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिए “उद्यमी योजना” शुरू की। इस योजना के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। इसमें 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है।

मालूम हो कि इस समुदाय के युवाओं को सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है। बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने युवाओं को रोज़गार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना शुरू की। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आवासीय विद्यालय और छात्रावास स्थापित किए गए। इसके अलावा, बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, नीतीश कुमार सरकार ने 29 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना शुरू की। इस योजना के तहत 1.5 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को बिना किसी पुनर्भुगतान बाध्यता के 10000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसका उद्देश्य राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को व्यवसाय शुरू करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अपने व्यवसाय का विस्तार करने वाली ज़रूरतमंद महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी ताकि वे अपने व्यवसाय का और विस्तार कर सकें।

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Rupesh Ranjan
Rupesh Ranjanhttp://www.dnpindiahindi.in
Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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