Waqf Act: दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में बीते दिन वक्फ एक्ट संशोधन के खिलाफ आवाज उठी। इस एकजुट आवाज में सांसद असदुद्दीन ओवैसी के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से जुड़े लोग भी शामिल थे। इनकी एकसूत्रीय मांग है कि Waqf Act को संशोधित न किया जाए। सनद रहे कि संशोधन के खिलाफ आवाज ऐसी स्थिति में उठ रही है, जब लखनऊ, तमिलनाडु, हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में वक्फ एक्ट के दुरुपयोग के मामले सामने आ चुके हैं। वक्फ बोर्ड पर पहले भी इस एक्ट की मदद से संपत्ति हथियाने और अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लग चुके हैं। तो आइए हम आपको विस्तार से पूरा प्रकरण बताते हैं।
लखनऊ से हरियाणा, तमिलनाडु तक Waqf Act के दुरुपयोग के मामले!
इत्मीनान से इस रिपोर्ट को पढ़ेंगे तो आंखें खुल जाएंगी और वक्फ एक्ट के दुरुपयोग को लेकर बोर्ड पर लगने वाले आरोपों के बारे में जान सकेंगे। आरोपों की फेहरिस्त तो लंबी है लेकिन हम आपको सिलसिलेवार ढ़ंग से इसके बारे में बताएंगे। मामला हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित जठलाना गांव का है, जहां Waqf Board ने एक गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा किया।बताया गया कि ये जमीन किसी मुस्लिम बस्ती या मस्जिद से संबंधित नहीं थी। ऐसे में Waqf Act का हवाला देकर अंजाम दिए गए इस कृत्य को बड़ा आश्चर्य बताया गया है।
इससे इतर लखनऊ की बात करें तो यहां एक शिवालय को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया, जबकि यह संपत्ति 1862 से राज्य रिकॉर्ड में दर्ज है। आरोप है कि वक्फ एक्ट का दुरुपयोग कर बोर्ड ने अवैध तरीके से इसे अपनी संपत्ति घोषित कर ली। तमिलनाडु में स्थित एक ऐसे गांव पर Waqf Board ने दावा कर दिया जहां 1500 साल पुराना हिंदू मंदिर भी था। ऐसे में ऐतिहासिक महत्व वाले हिंदू मंदिर पर वक्फ एक्ट की मदद से किया गया दावा कहां तक जायज था। यूपी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद तो इसका ताजा उदाहरण है। 2022 में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि ज्ञानवापी की विवादित संपत्ति वक्फ संपत्ति है। जबकि इस दावे को कोर्ट में खारिज कर दिया गया। ऐसे में ये तमाम प्रकरण Waqf Act के दुरुपयोग को दर्शाते हैं और कई सवाल खड़े करते हैं।
वक्फ एक्ट में संशोधन के खिलाफ अड़े Asaduddin Owaisi और AIMPLB
सांसद असदुद्दीन ओवैसी का दावा है कि वक्फ संशोधन बिल का मकसद वक्फ बोर्ड की संपत्ति को छीनना है। उनका तर्क है कि केन्द्र सरकार मुसलमानों से उनकी सियासी और मजहबी शनाख़्त को छीनने के लिए Waqf Act संशोधन बिल ला रही है। AIMPLB भी ओवैसी के सुर में सुर मिला रहा है और वक्फ एक्ट संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। मुस्लिम संगठन का दावा है कि संशोधन के बाद बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण हो जाएगा। वहीं केन्द्र सरकार की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने और किसी भी विवादों को निपटाने का अधिकार देना है। फिलहाल दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक घटनाक्रम में आगे क्या होता है।