Monday, May 19, 2025
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Nagpur Violence के आरोपी ‘फहीम’ पर सख्त हुई महायुति सरकार! Kunal Kamra पर छिड़ी जंग के बीच चर्चा में CM फडणवीस का बुलडोजर एक्शन

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Nagpur Violence: एक ओर कुणाल कामरा को लेकर सियासी जंग छिड़ी है, तो वहीं दूसरी ओर महायुति सरकार का बुलडोजर नागपुर में गरजा है। सीएम देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने नागपुर वॉयलेंस के मास्टरमाइंड फहीम खान के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया है। नागपुर में हुए इस बुलडोजर एक्शन ने कुणाल कामरा पर छिड़ी चर्चा को एक पल के लिए विराम दे दिया है। कुणाल कामरा को छोड़ अब Nagpur Violence मामले में हुई इस बुलडोजर कार्रवाई की चर्चा हो रही है। महायुति सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कानून हाथ में लेने वालों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।

Nagpur Violence के आरोपी ‘फहीम खान’ पर सख्त हुई महायुति सरकार!

नगर निगम नागपुर के डिप्टी इंजीनियर सुनील गजभिये ने नागपुर वॉयलेंस के आरोपी फहीम खान के अवैध निर्माण पर हुए बुलजोर एक्शन से जुड़ी ब्रीफिंग जारी की है। डिप्टी इंजीनियर का कहना है कि “हमें एक शिकायत की जांच करने का आदेश मिला था। हमने उचित जांच की। एमआरटीपी अधिनियम (महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966) की धारा 53(1) के अनुसार 24 घंटे के लिए नोटिस जारी किया गया था। जैसे ही अवधि पूरी हुई, यह कार्रवाई की गई।” बता दें कि इससे पूर्व पुलिस ने जांच में स्पष्ट कर दिया था कि Nagpur Violence की साजिश फहीम खान ने कुछ अन्य कट्टरपंथियों ने मिलकर रची थी। इन्हीं के द्वारा लोगों को उकसाया गया जिसके बाद महल इलाके में 17 मार्च की रात हिंसा की आग धधक उठी थी। हालांकि, अब महायुति सरकार ने सख्ती बरतते हुए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

Kunal Kamra पर छिड़ी सियासी जंग के बीच चर्चा में CM फडणवीस का बुलडोजर एक्शन

नागपुर वॉयलेंस से जुड़े मामले में फडणवीस सरकार के बुलडोजर एक्शन की चर्चा तेज हो गई है। सियासी गलियारों में बुलडोजर एक्शन की गूंज ऐसे सुनाई दे रही है कि कुणाल कामरा प्रकरण थम सा गया है। महायुति सरकार की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि Nagpur Violence के एक-एक आरोपी की शिनाख्त कर दोष सिद्ध होने के बाद सजा दी जाएगी। सरकार ने Kunal Kamra के शो पर भी पक्ष रखा है।

सीएम फडणवीस ने खुद मोर्चा संभालते हुए कहा है कि “स्टैंड-अप कॉमेडी करने की आज़ादी है, लेकिन वह जो चाहे बोल नहीं सकते। महाराष्ट्र की जनता ने तय कर लिया है कि गद्दार कौन है। कुणाल कामरा को माफ़ी मांगनी चाहिए। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कॉमेडी करने का अधिकार है, लेकिन अगर यह जानबूझकर हमारे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, तो यह ठीक नहीं है। कुणाल कामरा ने राहुल गांधी द्वारा दिखाई गई वही लाल संविधान की किताब पोस्ट की है। दोनों ने संविधान नहीं पढ़ा है। संविधान हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी देता है, लेकिन इसकी सीमाएँ हैं। लोगों ने 2024 के विधानसभा चुनावों में हमें वोट दिया और समर्थन दिया। जो देशद्रोही थे, उन्हें लोगों ने घर भेज दिया।”

बालासाहेब का जिक्र करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा है कि “लोगों ने बालासाहेब ठाकरे के जनादेश और विचारधारा का अपमान करने वालों को उनकी जगह दिखा दी। कोई हास्य पैदा कर सकता है, लेकिन अपमानजनक बयान देना स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोई दूसरों की स्वतंत्रता और विचारधारा का अतिक्रमण नहीं कर सकता। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता।”

फिलहाल महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में Nagpur Violence के मास्टरमाइंड पर हुई कार्रवाई और कुणाल कामरा प्रकरण, दोनों ही सुर्खियों का विषय बना है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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