Prashant Kishor: पटना के गांधी मैदान में BPSC के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। CM Nitish Kumar के निर्देशानुसार बिहार पुलिस ने गांधी मैदान को खाली कराकर प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को मौके से हटाने का काम किया है। इस घटनाक्रम के बाद तेजस्वी यादव की RJD, वाम दल समेत विपक्ष के कई छोटे-बड़े संगठन मुखर नजर आ रहे हैं। जन सुराज चीफ Prashant Kishor और पुलिस के बीच खींचा-तानी की तस्वीरें आने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संभावित माहौल पर चर्चा शुरू है। पूछा जा रहा है कि क्या BPSC अभ्यर्थियों के साथ बैठे प्रशांत किशोर का राजनीतिक संभावनाएं बेहतर होंगी? क्या जन सुराज चीफ के साथ हुई खींचा-तानी से BJP-JDU सरकार की किरकिरी होगी? क्या Nitish Kumar की साख पर डेंट लगेगा? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पूर्व पटना में हुए घटनाक्रम की चर्चा जोरों पर है।
Prashant Kishor के साथ पटना में हुई खींचा-तानी के बाद प्रशासन पर उठे सवाल!
गांधी मैदान में BPSC के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को समर्थन देने वाले प्रशांत किशोर के साथ हुई खींचा-तानी के बाद प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। जन सुराज प्रमुख के समर्थकों का कहना है कि “जब Prashant Kishor को हिरासत में लिया जा रहा था तो उनका चश्मा फेंक दिया गया। जब मैं उसे लेने गया तो मैं घायल हो गया और प्रशासन ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। हमें नहीं पता कि प्रशांत जी को कहां ले जाया गया है।”
प्रशांत किशोर के एक अन्य समर्थक का कहना है कि “उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया। वे एक जगह बैठकर सत्याग्रह कर रहे थे। Nitish Kumar की सरकार उनसे डरी हुई है। पुलिस उन्हें कहां ले गई, किसी को नहीं पता। हम इसी का विरोध कर रहे हैं। कम से कम हमें तो बताएं कि प्रशांत किशोर को कहां ले जाया गया है।”
जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा है कि “जन सुराज प्रमुख और कुछ अन्य लोग अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से धरना दे रहे थे। प्रशासन ने Prashant Kishor को वहां से आंदोलन के लिए निर्धारित स्थान गर्दानीबाग में जाने का नोटिस जारी किया था। प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बार-बार अनुरोध करने और पर्याप्त समय देने के बाद भी जगह खाली नहीं की गई। आज उन्हें कुछ समर्थकों के साथ हिरासत में लिया गया है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।”
RJD ने प्रशांत किशोर और Nitish Kumar पर साधा निशाना!
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जन सुराज चीफ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सांकेतिक रूप से निशाना साधते हुए बड़ी बात कह दी है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुए इस घटनाक्रम पर तेजस्वी यादव की RJD का पक्ष रखते हुए उनके प्रवक्ता ने कहा है कि “यह एक वीआईपी विरोध प्रदर्शन था। यहां Prashant Kishor राजनीतिकरण करके और उम्मीदवारों का इस्तेमाल करके फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे। नीतीश कुमार सरकार के संरक्षण में यह सब दिखावा किया जा रहा था। अगर गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र था, तो उन्हें पहले वहां से क्यों नहीं हटाया गया? यह बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित विरोध था और वह उम्मीदवारों के मुद्दों को उठाते रहेंगे।”
क्या बिहार विधानसभा चुनाव से पहले Nitish Kumar की साख पर पड़ेगा डेंट?
जन सुराज चीफ Prashant Kishor के साथ हुई खींचा-तानी की चर्चा पूरे बिहार में है। इस कृत्य के कारण बिहार सरकार और प्रशासनिक विभाग पर सवाल भी उठे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या गांधी मैदान में हुई इस घटनाक्रम का असर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर पड़ेगा? बता दें कि इस सवाल का जवाब देना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगा। हां, इतना स्पष्ट है कि BPSC Protest को लेकर प्रशांत किशोर पूरे बिहार में सुर्खियां बटोर रहे हैं। वहीं Nitish Kumar की चुप्पी को लेकर भी खूब चर्चा है। हालांकि, इससे Bihar Assembly Election 2025 में JDU या मुख्यमंत्री की छवि प्रभावित होगी इसकी संभावना फिलहाल कम है। हां, इस बात की संभावना जोरों पर है कि गांधी मैदान में प्रदर्शन के बाद Prashant Kishor की साख और मजबूत हुई है। ऐसे में जन सुराज चीफ को निकट भविष्य में इस संघर्ष का लाभ मिल सकता है।