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अवैध खनन पर अंकुश लगा रही Bhagwant Mann सरकार! नई नीति के तहत आम लोगों को ऐसे हो रहा जबरदस्त फायदा

मुख्यमंत्री Bhagwant Mann के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार नई नीति के तहत अवैध खनन पर अंकुश लगा रही है। नई नीति के तमाम प्रावधान आम लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर राहत पहुंचा रहे हैं और उन्हें परेशानियों से मुक्ति मिल रही है।

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Bhagwant Mann
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bhagwant Mann: सूबे में सभी विभागों को दुरुस्त कर बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रही मान सरकार कई मोर्चों पर सफल नजर आ रही है। खनन विभाग उनमें से एक है। भगवंत मान सरकार की नई खनन नीति के तहत राज्य में अवैध खनन पर अंकुश लग रहा है। इसके अलावा सरकार नई नीति के तहत आम लोगों को भी लाभवान्वित कर रही है। सीएम Bhagwant Mann की कैबिनेट में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज खनन नीति को लेकर एक ब्रीफिंग साझा की है। उन्होंने बताया है कि कैसे पंजाब सरकार की नीतियों से राज्य की स्थिति तेजी से बदली है। मंत्री हरपाल चीमा ने साथ ही आम लोगों को होने वाले फायदों के बारे में भी बताया है।

अवैध खनन पर अंकुश लगा रही Bhagwant Mann सरकार!

मान सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया है कि नई खनन नीति से आम लोगों तक लाभ पहुंचाया जा रहा है। भगवंत मान सरकार की नई नीति के तहत अब भूस्वामी भी खनन कर सकेंगे। इसके साथ ही मालिक अपनी जमीन को 2-3 साल के लिए पट्टे या ठेके पर दे सकते हैं। साथ ही रॉयल्टी की जो मात्रा पहले 73 पैसे प्रति घनफुट थी, उसे अब बढ़ाकर 1 रुपए 70 पैसे कर दिया गया है। अधिकारी खउद पहुंचकर खनन स्थल का आकलन करेंगे और रॉयल्टी का भुगतान करेंगे। Bhagwant Mann सरकार की नई नीति के तहत सीआरएमएस में भूस्वामी खनन स्थल पर स्वयं का क्रशर लगाकर भी खनन कर सकेगा। इससे अवैध खनन पर अंकुश लग रहा है और आम लोगों तक लाभ पहुंच रहा है।

वर्ष में दो बार सरकारी सर्वेक्षण करवाएगी भगवंत मान सरकार

सीएम मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष में दो बार सरकारी सर्वेक्षण कराएगी। इसका जिक्र नई खनन नीति में है। इस कदम से खनन के घटते या नए क्षेत्रों की पहचान होगी। इसके अलावा जमीन मालिक सरकार के माध्यम से आवेदन करके सर्वे भी करवा सकेगा। Bhagwant Mann सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि एसआइए से पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद ही भूस्वामी अपनी जमीन पर खनन कर सकेंगे। वहीं पहले विभाग ईसी और एनओसी देता था, लेकिन अब नई नीति में जमीन मालिक खुद संबंधित विभागों से अनुमति ले सकेगा।

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